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राजस्थान सरकार करेगी अपना वादा पूरा किसानों का लोन होगा माफ! बैंकों को भेजा ये प्रस्ताव……

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि वह किसानों के कर्जमाफी के अपने वादे को पूरा करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के फसल ऋण माफी के लिए एकमुश्त कर्ज माफी योजना लाकर गरीब किसानों को राहत देने का प्रस्ताव बैंकों को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को लागू कर राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों की कर्जमाफी में राज्य सरकार को आवश्यक सहयोग दें।

गरीब किसानों को राहत दें बैंक’
गहलोत राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 151 बैठक और नाबार्ड की राजस्थान राज्य स्तरीय ऋण संगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा शुरू की गई एकमुश्त ऋण माफी योजना में, एनपीए के रूप में वर्गीकृत कृषि ऋणों को माफ कर दिया गया है। जिसमें 90 फीसदी कर्ज बैंक ने माफ कर दिया है जबकि बाकी 10 फीसदी किसान ने दिया है। इसी तरह अन्य बैंकों को भी गरीब किसानों को राहत देनी चाहिए। सीएम ने कहा, “राज्य सरकार इसमें किसान के हिस्से का 10% देने के लिए तैयार है। राज्य सरकार और बैंकों का उद्देश्य किसानों को राहत देना है।”

‘अभी तक माफ नहीं हुए एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण’

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा आम आदमी को राहत देने और विकास की गति को बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा, “सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों के कर्जमाफी का आदेश जारी कर अब तक सहकारी बैंकों का 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया, जिसमें पिछली सरकार का 6000 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल था।” राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार, 30 नवंबर, 2018 को एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों के खातों के ऋण अभी तक माफ नहीं किए गए हैं।

शहरी युवाओं के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’
सीएम ने कहा कि कोरोना के चलते आए आर्थिक संकट के दौरान मनरेगा योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को ताकत दी। चूंकि शहरी क्षेत्र में ऐसी कोई योजना नहीं है, इसलिए राज्य सरकार युवाओं को सशक्त बनाने के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ लेकर आई है। योजना के तहत युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बिना ब्याज के 50,000 रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

सहयोग करें बैंक’
उन्होंने कहा कि इस योजना के साथ-साथ बैंक आगे आएं और इंदिरा महिला शक्ति उद्यमी प्रोत्साहन योजना, स्वयं सहायता समूहों और अन्य योजनाओं से जुड़े लोगों को ऋण उपलब्ध कराने में सहयोग करें। गहलोत ने वर्ष 2022-23 के लिए नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर जारी किया। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को 2.50 लाख करोड़ रुपये के संभावित ऋण का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष के अनुमानित अनुमान से 7.3% अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में इन प्राथमिकताओं पर ध्यान दिया है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इस आधार दस्तावेज में दर्शाई गई क्षमता के आधार पर इन चिन्हित क्षेत्रों को ऋण देने का लक्ष्य बनाना चाहिए और एक वार्षिक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए

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