पृथ्वी की ओर बढ़ रही ‘आसमानी आफत’, वैज्ञानिक बोले- 48 घंटे तक खतरा!

अगले 48 घंटों में धरती के बगल से एक ‘आफत’ गुजरने वाली है. असल में यह एक एस्टेरॉयड है, जो करीब एक किलोमीटर चौड़ा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA लगातार इस एस्टेरॉयड पर नजर बनाए हुए हैं. इस एस्टेरॉयड का नाम है 2003 SD220. नासा के AMES एक्सप्लोरेशन सेंटर ने इसे खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में डाला है. 

अगले 48 घंटों में धरती के बगल से एक ‘आफत’ गुजरने वाली है. असल में यह एक एस्टेरॉयड है, जो करीब एक किलोमीटर चौड़ा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA लगातार इस एस्टेरॉयड पर नजर बनाए हुए हैं. इस एस्टेरॉयड का नाम है 2003 SD220. नासा के AMES एक्सप्लोरेशन सेंटर ने इसे खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में डाला है. 

2003 SD220 नाम की यह चट्टान शुक्र और पृथ्वी के बीच मौजूद कक्षा में सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाता है. यह हर 9 महीने में सूरज के चारों तरफ एक चक्कर पूरा करता है. इसे पहली बार सितंबर 2003 में खोजा गया था. उस समय इसे खगोलविदों ने लोवेल ऑब्जर्वेटरी नियर-अर्थ-ऑब्जेक्ट सर्च (Lowell Observatory Near-Earth-Objects) टेलिस्कोप के जरिए देखा था. लेकिन एरिजोना स्थित एंडरसन मेसा स्टेशन से इसकी नापतौल, गति आदि का पता करने के बाद इसे खतरनाक एस्टेरॉयड की श्रेणी में डाला गया था.

यह अब तक धरती के सबसे करीब 22 दिसंबर 2018 को आया था. तब इसकी दूरी 16.15 लाख किलोमीटर थी. यानी धरती से चांद की दूरी का करीब 6 गुना ज्यादा थी. इस एस्टेरॉयड पर वैज्ञानिक रोबोटिक मिशन भी भेजना चाहते हैं. ताकि वे इसकी उत्पत्ति समेत सौर मंडल के पैदा होने से संबंधित रहस्यों का उद्घाटन कर सकें. 

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