उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती का फैसला जाने किस टाइम से किस तक कैसे आएगी बिजली….

बिजली संकट से जनता को राहत दिलाने के लिए योगी सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक निरन्तर विद्युत आपूर्ति कराई जाए। प्रदेशवासी नवरात्रि व रामलीला आदि का पर्व हर्षोल्लास से मना रहे हैं। ऐसे में रात्रि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति जरूरी है।

मुख्यमंत्री सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में विद्युत व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को प्रदेश में विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रुटिपूर्ण विद्युत बिलों से उपभोक्ता परेशान होता है, जिससे विद्युत बिल का कलेक्शन प्रभावित होता है। करार के मुताबिक कार्य न करने वाली विद्युत बिलिंग एजेंसियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसी एजेंसियों की सिक्योरिटी जब्त की जाए, उनके विरुद्ध एफआईआर कराने के साथ ही ब्लैक लिस्ट भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने विद्युत बिलों के संबंध में शीघ्र ही एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खराब ट्रांसफार्मरों को ग्रामीण इलाकों में 48 व शहरी क्षेत्रों में 24 घंटों में आवश्यक रूप से बदला जाए। सौभाग्य योजना सहित अन्य योजनाओं के विद्युत बिलों में गड़बड़ी के मामलों का तत्काल समाधान कराया जाए। उन्होंने सभी विद्युत वितरण निगमों को आपूर्ति सुचारु बनाए रखने तथा लाइन लॉस को कम करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशक फीडर स्तर पर जवाबदेही तय करें। यूपीपीसीएल के चेयरमैन के स्तर पर प्रतिदिन इनकी समीक्षा विद्युत वितरण निगमवार होनी चाहिए। हर दूसरे दिन अपर मुख्य सचिव ऊर्जा प्रगति की समीक्षा करें और रिपोर्ट ऊर्जा मंत्री को दें। ऊर्जा मंत्री प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करेंगे।

आपूर्ति में दिखा सुधार

पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का कहना है कि दस अक्तूबर को गांवों को निर्धारित शिड्यूल 18 घंटे की अपेक्षा 20 घंटे बिजली दी गई। तहसील मुख्यालयों पर भी शिड्यूल से करीब 30 मिनट अधिक बिजली की सप्लाई की गई। प्रदेश में बिजली की मांग और आपूर्ति का संकट सोमवार को भी बरकरार रहा। पीक आवर में राज्य में 20 हजार मेगावाट मांग की तुलना में 17500 मेगावाट बिजली की सप्लाई की गई। पावर कारपोरेशन के सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में चार से नौ घंटे तक की कटौती हुई। जिला मुख्यालयों को अभी कटौती से मुक्त रखा गया है।

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