उत्तराखंड विस सत्र: कांग्रेस विधायक धरने पर बैठे,मनाने पहुंचे सीएम धामी …

16 अगस्त को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और इसमें आवश्यक संशोधन करने का अधिकार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को दे दिया था।

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अनुपूरक बजट पेश करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मंगलवार को सदन पटल पर रखे जाने वाला बिजनेस तय हुआ।

उत्तराखंड विनियोग (2021-22 का अनुपूरक) विधेयक 2021 के अलावा सरकार छह और विधेयक सदन पटल पर रखेगी। सदन में पेश होने वाले अनुपूरक बजट के 5300 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है।

16 अगस्त को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और इसमें आवश्यक संशोधन करने का अधिकार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को दे दिया था। मुख्यमंत्री चूंकि वित्त मंत्री भी हैं, इसलिए मंगलवार को वह सदन में विनियोग विधेयक पेश करेंगे। आगे का बिजनेस तय करने के लिए बुधवार को फिर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी।

कांग्रेस विधायकों को मनाने पहुंचे सीएम
वहीं, सुबह सीमांत जिले पिथौरागढ़ में नेटवर्किंग की समस्या को लेकर कांग्रेस विधायक हरीश धामी धरने पर बैठ गए। उधर, केदारनाथ विधायक मनोज रावत भी चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। सीएम जब विधानसभा पहुंचे तो उन्होंने खुद धरनास्थल पर जाकर दोनों विधायकों को मनाया।

सदन पटल पर आज आएंगे सात विधेयक

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन पटल पर सात विधेयक रखे जाएंगे। इसमें आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, डीआईटी विश्वविद्यालय संशोधन (विधेयक), उत्तराखंडल माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड पौधशाला (विनियमन) संशोधन विधेयक, उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्राविधान संशोधन विधेयक और उत्तराखंड विनियोग (2021-22 अनुपूरक) विधेयक को सदन पटल पर रखा जाएगा।

सदन में गरमा सकता है कोविड जांच फर्जीवाड़ा
उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को सदन में विपक्ष कुंभ मेला में कोविड जांच में फर्जीवाड़ा के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है। सत्र के दूसरे दिन उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर विपक्ष ने रणनीति बना ली है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के मुताबिक, विपक्ष के पास मुद्दों की कोई कमी नहीं है। खुद मुख्य सचिव ने 29 विषयों की सूची बनाई है, जिन पर विपक्ष सवाल उठा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से नए जिलों के गठन, जाति प्रमाण, देवस्थानम बोर्ड, लोकायुक्त, भू कानून समेत कई अन्य मुद्दों को उठाने की कोशिश करेगा।

हम सरकार से पूछेंगे कहां गया 100 दिन में आने वाला लोकायुक्त
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि हम सरकार से पूछेंगे कि भाजपा सरकार में 100 दिन में आने वाला लोकायुक्त कहां गया? हरिद्वार में कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा, किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी

मुद्दों को टालने की कोशिश है समितियों का गठन
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार खुद निर्णय लेती है और खुद उन्हें टालने के लिए समितियां बना देती है। समितियां सुझाव दे सकती हैं, निर्णय लेने के लिए तो सरका को सदन में ही आना होगा। सरकार के पास यह अवसर था कि वह देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को समाप्त करने के लिए विधेयक लाती। लेकिन उसकी मंशा कुछ और है

उम्मीद करता हूं होमवर्क करके सदन में आएंगे मंत्री: स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों से अपेक्षा की है कि वे विधानसभा सत्र के दौरान सदन में होमवर्क करके आएंगे। उन्होंने कहा कि सदस्यों के अनुपूरक प्रश्नों के संतोषजनक जवाब होने चाहिए।

प्रतिपक्ष के जो सवाल होते हैं, उनके अनुपूरक सवालों पर मंत्री होमवर्क करके आएंगे तो निश्चित रूप से सदन के लिए भी संतोषजनक स्थिति रहेगी। जो सदस्य सवाल करते हैं, उनको भी संतुष्टि होगी। सरकार में ज्यादातर अनुभवी मंत्री हैं। उन्होंने पहले भी सहयोग दिया है।

स्पीकर के मुताबिक, उन्होंने दलीय बैठक और सोमवार को कार्यमंत्रणा समिति बैठक में उन्होंने यह अपेक्षा की है कि सदन की कार्यवाही ठीक ढंग से चले। यह सत्र बहुत दिनों बाद हो रहा है। सदस्यों के जनहित से जुड़े बहुत महत्वपूर्ण सवाल हैं। प्रश्नकाल के दौरान किसी भी तरह का व्यवधान कोमैं प्रदेश और प्रदेशवासियों के लिए ठीक नहीं समझता हूं। मैंने सभी से आग्रह किया है।

सतत विकास लक्ष्य पर चर्चा के लिए एक दिन
स्पीकर ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान पूरा एक दिन सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा के लिए समर्पित रहेगा। उत्तराखंड राज्य के सतत विकास के लिए हमारी क्या सोच है। उस पर हर सत्र में प्रस्ताव लाते हैं। चर्चा करते हैं। जब समय ज्यादा हो जाता है तो उसे कार्यवाही को आगे बढ़ा देते हैं। सत्र की समाप्ति के अगले दिन केवल सतत विकास लक्ष्य के प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

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