पूर्व विधायक ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल…कहा- योगी आदित्यनाथ के राज में स्थिति है बदतर…

उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर फिर निशाना साधा है. सिंह ने दावा किया है कि राज्य सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं और जन प्रतिनिधियों से लेकर पार्टी नेताओं को नौकरशाही तवज्जो नहीं देती. सिंह पहले भी राज्य में कोरोना संकट से निपटने के लिए की गई तैयारियों पर सवाल उठा चुके हैं.

पूर्व विधायक सिंह ने गुरुवार को बलिया में मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि योगी सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं, सरकार में नौकरशाही मंत्रियों तक को तवज्जो नहीं देती. उन्होंने कहा कि पहले मंत्रियों से मुलाकात करने जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को आना पड़ता था, अब स्थिति यह है कि मंत्रियों की अधिकारियों से मुलाकात तक नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि से लेकर पार्टी नेताओं की स्थिति बदतर हो गई है और इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही.

केंद्र सरकार वापस ले सकती है कृषि कानून: राम इकबाल सिंहइससे पहले सिंह ने आठ अगस्त को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नीत केन्द्र सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है.

पूर्व विधायक सिंह ने रविवार रात बलिया के नगरा में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, ”किसानों की मांगे सही हैं. विधानसभा चुनाव और किसानों में रोष को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इन कानूनों को वापस ले सकती है.’

कोविड संकट से निपटने के लिए योगी सरकार की आलोचनाउन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनों के चलते बीजेपी के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में नहीं जा पा रहे हैं और आने वाले समय में किसान बीजेपी के जन प्रतिनिधियों का घेराव भी कर सकते हैं.

पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा की गई तैयारियों पर भी सवाल उठाए थे. उत्तर प्रदेश में कोविड संकट से निपटने की आलोचना करते हुए, सिंह ने दावा किया था कि दूसरी लहर के दौरान हर गांव में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई क्योंकि पहली लहर से कोई सबक नहीं सीखा गया. उन्होंने कहा था कि संक्रमण के कारण मरने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपये दिए जाने चाहिए.

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