शीर्षक-अपने पद का धौस दिखाकर राजशाही जिंदगी में जी रहे है-अधीक्षण अभियंता…

रिपोर्टर-राजेश पाण्डेय
पश्चिम चंपारण-बिहार

जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय अपने कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को अपने आवास पोस्ट मास्टर का कार्य करने के लिए सुनील ठाकुर एवं दैनिक वेतन भोगी को कार्यालय में नहीं कार्य करने के बदले अपने आवास एवं दैनिक-कर्मचारी को भी पर रखे हुए है अपने आवास पर रखकर कार्य करवाया जा रहा है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार मालूम होता है कि एक तो बिहार सरकार के पास कर्मचारी की कमी है वही अधीक्षण अभियंता अपने आवास पर कर्मचारी को डाकिया स्तर के द्वारा हुकूम का गुलाम बना कर कभी कार्यालय से फाइल लाना, कभी कणीय अभियंता को बुलाना, कभी सहायक अभियंता को बुलाना, कभी बाज़ार से खाद्य सामग्री लाने का भी आदेश देते है और सबसे बड़ी बात यह है और दैनिक मजदूर करने वाले कर्मियों को अपने सरकारी आवास पर गृहणी का कार्य ले रहे और सरकारी रुपया का द्रुप्रयोग का भी आनंद ले रहे बाल्मीकिनगर के अधीक्षण अभियंता।


गण्डक बराज अंचल कार्यालय के अधीक्षण अभियंता सरकारी समानो का जमकर आंनद लेने में क्यों पीछे रहेंगे क्योंकि उनके सामने किसी की हिम्मत नहीं सवाल जवाब करने का हिम्मत किसी मे नहीं औऱ जल संसाधन विभाग के द्वारा हर वर्ष मेंटनेंस के लिए लाखों लाख रुपये आवंटन किया जाता हैं लेकिन अधिकारी इस रुपया का आपसी सहमति से बन्दर बाँट कर लेते है।


जल में रहकर-मगरमच्छ से क्यों लेंगे बैर अथवा सरकारी संपत्ति राष्ट्र की धरोहर लेकिन अधीक्षण अभियंता सरकारी संपत्ति अपने सरकारी आवास पर रखकर उतना ही आनंद ले रहे है जितना कि बिहार सरकार के मंत्री-सांसद एवं मुख्यमंत्री आंनद ले रहे है तभी तो बाल्मीकिनगर स्थित सरकारी अतिथि भवन में रखे हुए सामग्री जैसे कि सोफासेट, बैट्री इंभटर (इलेक्ट्रॉनिक उपकरण) के साथ अन्य सामग्रियों का प्रयोग अपने सरकारी आवास पर रखें हुए है।


जहां एक तरफ बिहार सरकार विभिन्न कार्यालयों में एक कर्मचारी के जिम्मे कई पदभार संभाल रहे है तो अधीक्षण अभियंता अपने का डर दिखाकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को सरकारी आवास पर रखकर राजशाही भोग विलास कर रहे है क्योंकि सवाल-जवाब अधीक्षण अभियंता से कौन कर सकता है तभी तो दैनिक मजदूर (मास्टर रोल) को अन्य जगहों से हटा कर अपने सुख-विलास में लिप्त होकर सरकारी रूपयों का मज़ा ले रहे है।


ये है सरकारी पदाधिकारी का रवैया जो कि राजशाही जिंदगी को दर्शाता है और ऐसे भ्रष्टाचार अधीक्षण अभियंता पर गाज क्यों नहीं गिरना चाहिए।

Share
Now