मरकज निजामुद्दीन को मिली खोलने की अनुमति- यह रहेंगी शर्तें…

  • दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी मरकज को बंगलावाली मस्जिद में नमाज अदा करने की सशर्त अनुमति मिल गई है।
  • वक्फ बोर्ड ने दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान रमजान के पवित्र महीने और शब ए बारात का हवाला देते हुए अनुमति मांगी।
  • जिस पर अदालत ने सशर्त रूप से केवल 50 व्यक्तियों को मरकज में प्रवेश करने की अनुमति दी है जिनके नाम और पते स्थानीय पुलिस स्टेशन एसएचओ को प्रस्तुत करने होंगे।

नई दिल्ली; करीब साल भर बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज को खोला जा सकेगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इसे खोलने की सशर्त मंजूरी देने की पेशकश की। केंद्र ने कहा कि आने वाले त्योहारी दिनों यानी रमजान में निजामुद्दीन मरकज में 50 लोगों को तब नमाज अदा करने की अनुमति दी जा सकती है, जब उन व्यक्तियों के नाम क्षेत्र के एसएचओ को प्रदान किए जाएं। इन 50 लोगों का चयन भी वक्फ बोर्ड करेगा। 


निजामुद्दीन मरकज को खोलने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के समक्ष यह बात कही गई। मरकज में कोविड-19 महामारी के दौरान तबलीगी जमात का कार्यक्रम आयोजित किया गया था और मरकज पिछले साल 31 मार्च से बंद हैै.

केंद्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता रजत नायर ने अदालत को बताया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड को क्षेत्र के पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी (एसएचओ) को 50 नामों से युक्त एक आवेदन देना होगा और उसके बाद ही केवल उन लोगों को नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी

 शब-ए-बारात’ के लिए मांगी अनुमति


केंद्र की ओर से यह बात तक कही गई जब वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता और वकील वजीह शफीक ने अदालत से आग्रह किया कि सप्ताहांत में ‘शब-ए-बारात’ के दौरान मस्जिद में कुछ लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि केवल मस्जिद का उपयोग किया जाएगा, वहां स्थित मदरसे का नहीं।

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