हिंदू लड़के के साथ मुस्लिम लड़की की शादी तब तक नहीं मानी जायेगी जब तक लड़की धर्म न बदल ले: हाईकोर्ट

  • पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने  शनिवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, कि एक हिंदू लड़के के साथ मुस्लिम लड़की का विवाह तब तक मान्य नहीं है जब तक लड़की धर्म न बदले ले।
  • कोर्ट ने आगे कहा कि कहा कि वो दोनों आपसी रजामंदी के साथ रह सकते हैं।
  • इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नाबालिग मुस्लिम लड़की की शादी को जायज करार दिया था।
  • जिसके बाद कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि एक हिंदू लड़के के साथ मुस्लिम लड़की का विवाह तब तक अमान्य जब तक वह धर्मान्तरित न हो जाए. हालांकि कोर्ट ने कहा कि दोनों आपसी रजामंदी के साथ रह सकते हैं. नाबालिग मुस्लिम लड़की की शादी को जायज करार देने के बाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह बात कही.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच एक 18 साल की मुस्लिम युवती और 25 साल के एक हिंदू युवक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. दोनों ने हाल ही में एक हिंदू मंदिर में शादी की है. कोर्ट ने कहा कि लड़की के हिंदू धर्म अपनाने तक शादी अमान्य होगी. हालांकि दोनों वयस्क हैं तो आपसी सहमति से दोनों साथ रह सकते हैं.

दोनों ने 15 जनवरी को एक शिव मंदिर में हिंदू रीति रिवाजों से शादी की थी. दोनों के परिवार की तरफ से धमकी मिलने के चलते दोनों ने कोर्ट में सुरक्षा की अर्जी लगाई थी. दोनों ने कोर्ट को यह भी बताया कि उन्होंने अंबाला के एसपी के पास भी सुरक्षा के लिए गुहार लगाई थी लेकिन उन्हें वहां से कोई मदद नहीं मिली जिसके बाद कोर्ट का रुख किया.

उन्होंने कहा कि उनके पास कोर्ट आने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान अंबाला एसपी को दोनों की सुरक्षा के त्वरित इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं

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