आखिर विदा हुए त्रिवेंद्र। वारिस कौन.. बड़ा सवाल नफा- नुकसान..

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा देने के बाद वे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। साथ ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दो दिनों से चल रही कयासबाजी पर विराम लग गया है। नए मुख्यमंत्री के लिए सांसद अनिल बलूनी, अजय भट्ट और प्रदेश सरकार के मंत्री धन सिंह रावत प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। रात तक केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत गौतम के देहरादून पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद कल या परसों उत्तराखंड बीजेपी विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री का फैसला होगा।

केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। पर्यवेक्षकों ने कोर ग्रुप और प्रमुख विधायकों-सांसदों की राय के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व ने को बताया है कि राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसके बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भूमिका तैयार हो गई थी। सोमवार देर शाम जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, तो उन्हें इस बारे में सूचित कर दिया गया था। दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद रावत मंगलवार दोपहर देहरादून पहुंचे।

ये रेस में सबसे आगे…
अगले मुख्यमंत्री के तौर पर तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं। माना जा रहा है कि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत में से किसी को राज्य के अगले मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके अलावा सतपाल महाराज का नाम भी रेस मे शामिल है। उन्होंने हाल ही में संघ के प्रणुख नेताओं से इस सिलसिले में मुलाकात की थी। बता दें कि साल 2000 में राज्य गठन के बाद से कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है.. बीजेपी के लिए त्रिवेंद्र को हटाने से कितना फायदा या नुकसान होगा ये भविष्य के गर्त में छिपा है..

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