Join WhatsApp Group Join WhatsApp Group

किसान विरोध का तरीका बदलें और सरकार कानून को होल्ड पर डालने की संभावना ढूंढे, किसान आंदोलन पर SC ने कही कई अहम बातें.. जानें..

केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हैं। कई दौर की वार्ता और कोशिश के बावजूद यह प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले सुनवाई की और प्रदर्शन को किसानों का हक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून को होल्ड पर डालने की संभावनाएं तलाशने को कहा। जानिए सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की 10 बड़ी बातें:

1. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि क्या सरकार अदालत को यह आश्वासन दे सकती है कि जब तक इस मामले पर कोर्ट सुनवाई न करे, केंद्र कानून को लागू न करें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून को होल्ड पर डालने की संभावनाएं तलाशने को भी कहा है।

2. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने कहा कि वह किसानों से बात करने के बाद ही अपना फैसला सुनाएगा। आज अदालत में किसी किसान संगठन के न होने की वजह से कमेटी बनाने को लेकर फैसला नहीं हो सका। 

3. आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। चूंकि, सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी है इसलिए अब मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच करेगी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संगठनों के पास नोटिस जाना चाहिए। 

4. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का हक है लेकिन यह कैसे किया जाए इस पर चर्चा की जा सकती है। 

5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं। केवल एक चीज जिस पर हम गौर कर सकते हैं, वह यह है कि इससे किसी के जीवन को नुकसान नहीं होना चाहिए। 

6. सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि हम कृषि कानूनों पर बने गतिरोध का समाधान करने के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान संघों के निष्पक्ष और स्वतंत्र पैनल के गठन पर विचार कर रहे हैं। इस पैनल में पी. साईनाथ, भारतीय किसान यूनियन और अन्य सदस्य हो सकते हैं।

7. यह कमेटी जो सुझाव देगी उसका पालन किया जाना चाहिए। तब तक प्रदर्शन जारी रखा जा सकता है लेकिन यह अहिंसक होना चाहिए।

8. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप इस तरह से शहर को ब्लॉक नहीं कर सकते और न ही हिंसा भड़का सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि हम किसानों के विरोध-प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराते हैं, लेकिन विरोध अहिंसक होना चाहिए।

9. सीजेआई ने कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से शहर के लोगों को भूखा रहना पड़ सकता है। आप किसानों का मकसद बातचीत के जरिए भी पूरा हो सकता है। सिर्फ प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होगा।

Share
Now