बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है, लेकिन भाजपा ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कड़ा पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने साफ कहा कि विपक्ष को न तो सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है, न ही चुनाव आयोग पर। जबकि कोर्ट ने सिर्फ सुझाव दिए हैं, कोई रोक नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि विपक्ष जब चुनाव जीतता है तो आयोग पर भरोसा होता है, लेकिन हार की आशंका होते ही सवाल उठाने लगते हैं।शाहनवाज ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि रायबरेली, वायनाड, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्यों में जब राहुल गांधी की पार्टी को जीत मिलती है, तब चुनाव आयोग एकदम ठीक लगता है। लेकिन जब हार होती है, जैसे महाराष्ट्र या दिल्ली में, तो उसी आयोग को गलत बताने लगते हैं। अब जब बिहार में हार दिख रही है, तो फिर आयोग को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।
राहुल गांधी के बिहार दौरे पर भी शाहनवाज ने कटाक्ष किया। बोले – “राहुल गांधी बैग टांगकर विरोध करने आए थे, लेकिन तेजस्वी यादव ने उनके नेताओं को ही टांग दिया। पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को मंच पर चढ़ने तक नहीं दिया गया। चुनाव भले हार जाएं, पर ट्रक पर तो चढ़ा देते।”भाजपा ने बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर भी सरकार का बचाव किया। गोपाल खेमका हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा गया कि आरोपी पकड़े गए हैं और एनकाउंटर भी हुआ है। नीतीश कुमार की सरकार अपराधियों से कोई समझौता नहीं करती, उन्हें सजा जरूर मिलेगी।इस पूरे मुद्दे ने एक बार फिर दिखा दिया है कि चुनाव से पहले सियासत कितनी गरमा सकती है, और कैसे हर मसले पर बयानबाज़ी की जंग छिड़ जाती है – चाहे वो कोर्ट हो या आयोग।