जनपद चित्रकूट में मुख्यालय से लेकर गांव कस्बों में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छता अभियान योजना पूरी तरह से फ्लॉप हो रही है। आपको बताते चलें कि जनपद चित्रकूट में आए दिन मीडिया के माध्यम से जानकारी ग्राम पंचायत से लेकर डीपीआरओ तक को दी जाती है लेकिन ब्लॉक से लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारीयों पर मीडिया व जनता की शिकायतों का कोई फर्क नहीं पड़ता। जबकि बारिश के मौसम में नाली- नालों की गंदगी व जलभराव के कारण मच्छर व बिमारियों का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन जनता की समस्याओं को लेकर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपने ऐसो आराम में मस्त हैं। जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। स्वच्छता अभियान योजना के नाम पर केवल कागजी कोरम पूरा करने का काम किया जाता है। ताजा मामला पहाड़ी ब्लॉक अंतर्गत नांदी ग्राम पंचायत का है जहां गांव की साफ-सफाई तो अलग है सचिवालय की साफ-सफाई महीनों से नहीं हुई है । उप स्वास्थ्य केन्द्र के सामने वाला नाला जाम पड़ा हुआ है जिससे नालियों में बदबू दार पानी और गंदगी के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है। सफाई कर्मचारी का कहीं अता-पता नहीं है। विशेष सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जनपद चित्रकूट के ज्यादातर सफाईकर्मी कर्मचारी मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों की आवभगत में लगे हुए हैं। और बचे-खुचे सफाई कर्मचारी जिले से लेकर ब्लॉक तक के कार्यालयों में बाबू का पदभार संभाल रहे हैं। जिससे जनपद चित्रकूट की साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह से फ्लॉप है और मुख्यालय से लेकर गांव कस्बों तक स्वच्छता अभियान योजना केवल कागजी कोरम पूरा कर शासन प्रशासन को गुमराह कर सरकार को बदनाम करने का काम किया जा रहा है। जनपद की जनता ने चित्रकूट के यशस्वी जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन से त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है ।
सफाई कर्मचारी अधिकारियों की जीहुजूरी व कार्यालयों की बाबूगिरी करने में लगे,तो सफाई कौन करे….
