जम्मू-कश्मीर की सियासत में शुक्रवार, 27 जून का दिन एक अहम मोड़ लेकर आया। गुलाम नबी आज़ाद, जो कभी कांग्रेस के बड़े चेहरे हुआ करते थे और फिर अपनी राह अलग कर एक नई पार्टी बनाई थी, उन्हें अब अपने दो भरोसेमंद नेताओं की वापसी से बड़ा झटका लगा है। जीएम सरूरी और ताज मोहीउद्दीन – ये दो नाम जो कभी आज़ाद के करीबी माने जाते थे, अब एक बार फिर कांग्रेस की छांव में लौट आए हैं।
इन दोनों नेताओं ने श्रीनगर में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी में दोबारा शामिल होने की घोषणा की। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने खुले मंच पर अपने फैसले पर अफसोस भी जताया और कांग्रेस छोड़ने के लिए माफी मांगी। सरूरी ने साफ कहा, “हम इंसान हैं, गलतियां हो जाती हैं। लेकिन कांग्रेस ने हमें फिर से अपनाया, इसके लिए हम आभारी हैं।” वहीं ताज मोहीउद्दीन ने भावुक लहजे में कहा, “मैं आज भी खुद को कांग्रेस का सिपाही मानता हूं। उस वक्त जो फैसला लिया, वो गलत था – इसका अफसोस है।”
याद दिला दें कि गुलाम नबी आज़ाद ने सितंबर 2022 में कांग्रेस को अलविदा कहकर ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ (DPAP) की नींव रखी थी। लेकिन हाल ही में उन्होंने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। सरूरी, जो किश्तवाड़ के इंदरवाल विधानसभा क्षेत्र से आते हैं, और ताज, जो एक प्रभावशाली गुज्जर नेता हैं – दोनों ने 2024 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, मगर जीत उनसे दूर रह गई।
श्रीनगर में कांग्रेस के कार्यक्रम के दौरान पार्टी के महासचिव और जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी सैयद नासिर हुसैन ने कहा, “वक्त के साथ इंसान को अपनी गलतियों का एहसास होता है। दोनों नेता बिना शर्त पार्टी में लौटे हैं और हमने कांग्रेस हाईकमान से उनके खेद और माफीनामे की जानकारी साझा की। हाईकमान ने भी उन्हें दिल से स्वीकार किया।”
सियासत में रिश्ते, फैसले और वापसी – सबका अपना वक्त होता है। सरूरी और ताज की यह घर वापसी, कहीं न कहीं आज़ाद के लिए एक भावनात्मक और राजनीतिक झटका जरूर है, और कांग्रेस के लिए एक संकेत कि पुराने दरवाज़े अभी भी खुले हैं
गुलाम नबी आजाद की पार्टी को बड़ा झटका, दो दिग्गज नेता कांग्रेस में हुए शामिल…..
