यूएन की परमाणु एजेंसी (IAEA) का कहना है कि उनके पास 2009 के बाद से ईरान द्वारा परमाणु बम विकसित करने का कोई प्रमाण नहीं है। IAEA ने स्पष्ट किया कि इस विषय को दिसंबर 2015 में बंद माना गया
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रम्प और इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने यूएन में एक नई “दावा‑पोस्टर” पेश किया, जिसमें ईरान द्वारा गुप्त परमाणु भंडार (atomic warehouse) होने का दावा किया गया — लेकिन IAEA और ईरानी विदेश मंत्रालय ने इसे खोखला व “ridiculous” बताते हुए खारिज कर दिया
मुख्य बिंदु:
- IAEA: “नो क्रेडिबल इंडिकेशन” — यानी कोई विश्वसनीय संकेत नहीं कि 2009 के बाद परमाणु बम का विकास हुआ गते ।
- ट्रम्प-नेतन्याहू ने हाल ही में नई तस्वीरें और दस्तावेज़ पेश किये, लेकिन IAEA ने कहा कि वरिष्ठ जांचकर्ताओं द्वारा पिछले रिकॉर्ड में यह देखा जा चुका था, और इसमें कुछ भी नया नहीं है ।
- ईरान और इसकी विदेश मंत्रालय ने आरोपों को “ridiculous”, “farcical” और “obscene” करार दिया ।
ट्रम्प-नेतन्याहू के ताज़ा आरोप
- जून 13 से शुरू हुए ईजरायल‑ईरान की एयर स्ट्राइक के बीच, ट्रम्प और नेतन्याहू ने संयुक्त रूप से यूएन में नए दावे पेश किए कि ईरान “सिक्के के नीचे छिपे गोदामों” में न्यूकलियर स्टॉकपाइल कर रहा है।
- IAEA और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों ने इन दावों को “वैज्ञानिक या तकनीकी रूप से नया” नहीं बताया; IAEA के अनुसार, यह सारा डाटा पहले से उनके पास था ।
- ट्रम्प ने आधिकारिक खुफिया को नज़रअंदाज़ करते हुए दावा किया कि ईरान “बहुत चालू है” परमाणु हथियार कार्यक्रम की ओर ।
निष्कर्ष: यूएन-न्यूक्लियर एजेंसी (IAEA) और यूएन के बड़ों ने यह स्पष्ट कर दिया कि ट्रम्प-नेतन्याहू के ताज़ा आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई नया या विश्वसनीय सबूत नहीं है।