भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई के महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर तीखी बहस हुई। अदालत ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह ‘सस्ती लोकप्रियता’ हासिल करने की कोशिश है। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि CJI ने खुद इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताने की बात कही है और अधिकारियों ने अपनी चूक के लिए खेद जताया है।
क्या है पूरा मामला?
बता दे CJI बीआर गवई अपने गृह राज्य महाराष्ट्र की पहली यात्रा पर गए थे, जहां उनके सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर CJI ने निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि संविधान के प्रत्येक अंग को दूसरे को उचित सम्मान देना चाहिए। CJI ने कहा था कि अगर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई के पुलिस आयुक्त को आना जरूरी नहीं लगता है, तो उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माने के साथ याचिका खारिज करने की बात कही है। जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दोपहर 2:00 बजे इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी और याचिका खारिज की जाएगी। अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि वे सस्ती लोकप्रियता क्यों हासिल करना चाहते हैं?
रिपोर्ट:- कनक चौहान