कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री को मध्य प्रदेश के शहडोल प्रथम श्रेणी न्यायालय ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस महाकुंभ 2025 के दौरान उनके दिए गए एक बयान को लेकर है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग महाकुंभ में नहीं आएंगे, वे देशद्रोही कहलाएंगे। शहडोल के पूर्व शासकीय अधिवक्ता संदीप तिवारी ने उनके खिलाफ परिवाद दायर किया था।
वही अधिवक्ता तिवारी का आरोप है कि शास्त्री का बयान भारतीय संविधान की मूल भावना और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सेना, डॉक्टर, पुलिसकर्मी और अन्य जो अपने कर्तव्यों के कारण महाकुंभ में उपस्थित नहीं हो पाते, उन्हें देशद्रोही नहीं कहा जा सकता है। यह बयान सामाजिक वैमनस्यता फैलाने वाला भी है।
आपको बता दे की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शहडोल सीता शरण यादव ने शास्त्री को 20 मई को सुबह 11 बजे न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। अधिवक्ता तिवारी ने चार फरवरी 2025 को थाना सोहागपुर में शिकायती पत्र दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद, उन्होंने पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजी और फिर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया।
रिपोर्ट:- कनक चौहान