ACP मोहसिन को मिली राहत – कोर्ट बोला: प्यार निजी मामला है, सजा नहीं!”

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के एसीपी मोहसिन खान के निलंबन पर रोक लगा दी है। एसीपी पर निजी जीवन में एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन होने का आरोप था, जिसके आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। कोर्ट ने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि यदि कोई अफसर अपने वैवाहिक जीवन से इतर संबंध रखता है, तो जब तक उसका असर सरकारी ड्यूटी पर नहीं पड़ता, उसे नौकरी की शर्तों का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

एसीपी मोहसिन पर आरोप लगे थे कि उनका विवाहेतर संबंध एक महिला से है, जिसके बाद उन्हें विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया था। इस फैसले को एसीपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

कोर्ट की टिप्पणी:
हाईकोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी का निजी जीवन उसका अधिकार है। जब तक उसके आचरण से सार्वजनिक ड्यूटी या कानून व्यवस्था पर असर नहीं पड़ता, तब तक सिर्फ नैतिक आधार पर दंड नहीं दिया जा सकता।
यह फैसला उन मामलों में नजीर बन सकता है जहां कर्मचारियों की निजी जिंदगी को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है

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