कानपुर में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव और पुलिस पर जूता फेंकने के मामले में पुलिस ने 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें से 110 लोग पार्षद और बीजेपी नेताओं समेत हैं, जिन्होंने जमा लगाकर हंगामा-बवाल किया था। पुलिस ने बताया कि पथराव की अफवाह फैलाने वालों पर मूलगंज थाने में 7 सीएलए और दंगा भड़काने की साजिश समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा रावतपुर में शोभायात्रा के दौरान पुलिस पर जूता फेंकने के मामले में 30 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
बता दे की कानपुर पुलिस ने रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव के दावों को अफवाह करार दिया और कहा कि पुलिस ने शिकायत के बाद घटनास्थल पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया। पुलिस उपायुक्त ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।
वही हिंदू संगठनों का कहना था कि कानपुर में हमेशा से ही रामनवमी के दिन शोभायात्राएं निकली रही हैं। इसको लेकर पुलिस से बैठक भी हुई थी. मगर उस दौरान पुलिस ने डीजे को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए थे। आखिर मौके पर पुलिस ने डीजे बंद कर दिए, इसको लेकर भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों में काफी गुस्सा था।
दूसरी तरफ पुलिस का कहना था कि डीजे को लेकर कोर्ट की गाइडलाइन है और उसका पालन किया जाएगा। पुलिस का कहना था कि तेज आवाज में बज रहे डीजे को ही बंद किया गया था। बता दें कि कानपुर में रामनवमी के दिन कई शोभायात्राएं निकलती हैं। मगर इस बार कई शोभा यात्रा समितियों ने पुलिस का विरोध किया था, जिसको लेकर पिछले कई दिनों से पुलिस और हिंदू संगठनों में ठकराव की स्थिति बनी हुई थी।
रिपोर्ट:- कनक चौहान