लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनेंगे शी जिनपिंग! बड़ा फेरबदल भी…..

इस बैठक के बाद अब शी की ताजपोशी होनी है. इसके साथ ही शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार पांच साल के कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले चीन के पहले नेता बन जाएंगे. लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की 20वीं कांग्रेस बीते रविवार का शुरू होकर आज खत्म हो गयी है. इस दौरान बंद कमरे में हुई बैठक के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि संघर्ष की हिम्मत करें, जीतने की हिम्मत करें, अपने सिरों को दफना दो और मेहनत करो, आगे बढ़ते रहने के लिए दृढ़ संकल्पित रहें.  बता दें कि इस बैठक के बाद अब शी की ताजपोशी होनी है. इसके साथ ही शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार पांच साल के कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले चीन के पहले नेता बन जाएंगे. लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.

शीर्ष अधिकारियों में होगा फेरबदल 
राष्ट्रपति 69 साल के शी जिनपिंग को छोड़कर चीनी शीर्ष नेतृत्व में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है. नंबर दो नेता प्रीमियर ली केकियांग समेत सभी शीर्ष अधिकारियों को लेकर भी बैठक में चर्चा की संभावना बताई जा रही थी. यानी शी के पद पर कोई असर नहीं होगा. यहां शी की ओर से निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों के तहत 2296 “निर्वाचित” प्रतिनिधियों ने एक बंद कमरे में बैठक में भाग लिया.

राष्ट्रपति 69 साल के शी जिनपिंग को छोड़कर चीनी शीर्ष नेतृत्व में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है. नंबर दो नेता प्रीमियर ली केकियांग समेत सभी शीर्ष अधिकारियों को लेकर भी बैठक में चर्चा की संभावना बताई जा रही थी. यानी शी के पद पर कोई असर नहीं होगा. यहां शी की ओर से निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों के तहत 2296 “निर्वाचित” प्रतिनिधियों ने एक बंद कमरे में बैठक में भाग लिया.

शी ने की हांगकांग और ताइवान की चर्चा 

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए ही अपने संबोधन में हांगकांग और ताइवान का जिक्र किया था. उन्होंने दावा किया था कि चीन ने हांगकांग पर व्यापक नियंत्रण हासिल कर लिया है. चीनी राष्ट्रपति ने कहा था कि हमने हांगकांग को एक नए चरण में प्रवेश करने में मदद की है और वह बेहतर फलने-फूलने के लिए तैयार है. हमने ताइवान समस्या का हल करने के लिए समग्र नीति तैयार की है. उन्होंने ये भी कहा था कि हमने ताइवान की स्वतंत्रता और विदेशी हस्तक्षेप में अलगाववादी गतिविधियों का डटकर विरोध किया है. गौरतलब है कि साल 2012 में चीन की सत्ता संभालने के बाद पहले दिन से, शी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रूर अभियान शुरू किया, जिसने लोगों के साथ तालमेल बिठाने के अलावा उन्हें उनके राजनीतिक विरोधियों को बाहर निकालने में मदद की है.  

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