महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट देख भावुक हुए लोग, जाने क्या था मामला?

राजस्थान के दौसा में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली है. अर्चना पर एक प्रसूता की मौत के बाद केस दर्ज किया गया था. इसके बाद से अर्चना शर्मा डिप्रेशन में थीं. उनकी खुदकुशी से नाराज राजस्थान के डॉक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे.

दौसा में प्रसूता की मौत के मामले में बवाल

महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या, डॉक्टर आक्रोशित

राजस्थान के दौसा में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है. इस मामले में जिस लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा पर केस दर्ज किया गया था, उसने खुदकुशी कर ली है. महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले को लेकर राजस्थान के डॉक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे. राजस्थान के अलावा दिल्ली में भी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं.

दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर आज काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. इस बीच दौसा अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने बताया कि 22 साल की महिला आशा बैरवा प्रसव के लिए अस्पताल आई थी मगर पहले से ही ज़्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका. स्थानीय कांग्रेस नेताओं की वजह से डॉक्टर अर्चना शर्मा पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया था.

पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली. अस्पताल के बाहर प्रसूता और नेताओं के धरने से भी वो परेशान थी. कई बार पुलिस को कहा, मगर पुलिस उल्टे डॉक्टर को परेशान कर रही थी. इसके बाद महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुदकुशी कर ली. इस घटना से राजस्थान के डॉक्टर नाराज हैं.

सुसाइड नोट में लिखा- डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो

दौसा जिले के लालसोट में लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस में सुसाइड नोट भी सामने आया है. इस सुसाइड नोट में घटना से पहले डॉक्टर अर्चना शर्मा ने लिखा, ‘मैंने कोई गलती नहीं की है, किसी को नहीं मारा, पीपीएच एक कॉम्प्लिकेशन है, इसके लिए डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो.’

सुसाइड नोट के अंत में उन्होंने लिखा प्लीज मेरे बच्चे को मां की कमी महसूस नहीं होने देना. सुसाइड नोट लिखने के बाद डॉ. अर्चना शर्मा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी. जैसे ही पुलिस को डॉक्टर के सुसाइड की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और डॉक्टर के शव को उसके घर से बरामद किया.

घटना के बाद गुस्से में साथी डॉक्टर

इससे नाराज़ होकर आईएमए ने राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का ऐलान किया है. आईएमए के सचिव सर्वेश जोशी ने कहा कि इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अगर अस्पताल में मौत हुई है तो इलाज में लापरवाही की धारा 304 लगाकर और कमेटी बनाकर जांच कर सकते हैं.

आईएमए ने कहा कि यहां तो राजनैतिक दबाव में अस्पताल के पूरे स्टाफ़ के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया गया है. डॉक्टरों के इस मुद्दे पर हड़ताल का यह प्रदेश का पहला मामला है. अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है.

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