क्या लगेगा पान मसाला-गुटखे पर एक्स्ट्रा टैक्स? निर्मला सीतारमण ने कही ये बात…

GST Council: वित्त मंत्रालाय निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में शनिवार को शुरू हुई जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 48वीं बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. GST कानून के तहत गैर-अपराधीकरण, अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना और पान मसाला-गुटखा के बिजनेस में हो रहे टैक्स चोरी को रोकने लिए सिस्टम बनाने जैसे तमाम मुद्दों को जीएसटी परिषद की बैठक में शामिल किया गया. लेकिन इस पर विस्तार से चर्चा नहीं हो सकी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में समय की कमी के कारण तंबाकू और गुटखा पर टैक्स को लेकर चर्चा नहीं हो सकी. वित्त मंत्री ने कहा कि GST एक्ट में डिक्रिमिनलाइजेशन पर फैसला लिया गया. मतलब ये कि गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है.

इन बातों पर सहमति

रिपोर्ट के अनुसार, GST परिषद ने कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर सहमति जताई है. जीएसटी कानून के तहत किसी भी मामले में अभियोजन शुरू करने की सीमा दोगुनी होकर 2 करोड़ रुपये करने पर सहमति जताई है. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने इस बात की जानकारी दी है.

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद राजस्व सचिव ने कहा कि दालों की भूसी पर टैक्स की दर 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गई है. रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने कहा कि GST काउंसिल की 48वीं बैठक में 15 एजेंडे थे. इसमें से सिर्फ 8 एजेंडे पर ही विचार हुआ. 

ऑनलाइन गेमिंग

इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर जीएसटी परिषद की बैठक में विचार-विमर्श के लिए आ सकता है. मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की अध्यक्षता में पिछले साल इस मुद्दे पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके अलावा परिषद अधिकारियों की एक रिपोर्ट पर भी विचार करेगी.

कानून समिति का सुझाव

कानून समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि जीएसटी अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए टैक्सपेयर्स की ओर से दिए जाने वाले शुल्क को टैक्स राशि का 25 फीसदी तक कम किया जाना चाहिए. फिलहाल ये 150 फीसदी तक है. समिति ने वर्तमान में 5 करोड़ रुपये से अभियोजन शुरू करने की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है. सूत्रों ने कहा कि पान मसाला और गुटखा कंपनियों द्वारा कर चोरी पर जीओएम की रिपोर्ट पर परिषद में चर्चा होने की संभावना है.

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