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SC के डंडे के बाद सुधरेंगे नौकरशाह? पत्रकार का मकान अवैध बता गिराने वाले 26 अधिकारी कर्मचारियों पर FIR…..

महाराजगंज में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसमें उन्होंने वर्ष 2019 में पूर्व नोटिस के बगैर एक मकान को अवैध ढंग से ध्वस्त करने के आरोप में प्रशासनिक और पुलिसकर्मियों के साथ ही पूर्व जिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने 2019 में अवैध ध्वस्तीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश को फटकार लगाई थी और सड़क चौड़ीकरण और अतिक्रमण हटाने के दौरान उचित प्रक्रिया अपनाने का सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था। इसके अलावा, न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया था।

प्राथमिकी में नामित लोगों में महाराजगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन अपर जिला मजिस्ट्रेट कुंज बिहारी अग्रवाल, तत्कालीन नगर कार्यकारी अधिकारी राजेश जायसवाल, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मणिकांत अग्रवाल, अशोक कन्नौजिया, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारी दिग्विजय मिश्र के साथ ही कई इंजीनियर, पुलिस निरीक्षक, उप निरीक्षक और अन्य अज्ञात लोग शामिल हैं। कोतवाली सदर प्रभारी निरीक्षक सतेन्द्र राय ने बताया कि सरकार के आदेश के मुताबिक प्राथमिकी दर्ज की गई है और राज्य की ‘सीबी-सीआईडी’ द्वारा आगे की जांच की जाएगी।

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