जो करेगा जात की बात, उसे मारूंगा कस के लात’,जातिवाद पर गडकरी ने….

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जातिवादी राजनीति के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “जो करेगा जात की बात, उसको मारूंगा कस के लात।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्ति की पहचान उसकी जाति, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं, बल्कि उसके गुणों से होनी चाहिए।

गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह चुनावी राजनीति में जाति के आधार पर समझौता नहीं करेंगे, चाहे इससे चुनाव हारने का जोखिम ही क्यों न हो। उन्होंने कहा, “चुनाव हारने से जिंदगी खत्म नहीं होती, लेकिन अपने विचारों से समझौता नहीं कर सकता।”

इसके अलावा, गडकरी ने मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि व्यक्ति अपने कार्यों और गुणों से बड़ा होता है, न कि जाति या धर्म से।

गडकरी का यह बयान समाज में समानता और निष्पक्षता के महत्व को रेखांकित करता है, जो जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव से परे है।

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