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कौन हैं दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार!जिन पर जांच चाहती है AAP सरकार….

दिल्ली के मुख्य सचिव और सीनियर आईएएस अफसर नरेश कुमार भ्रष्टाचार के मामले में घिर गए हैं।

आरोप है कि द्वाराका एक्सप्रेसवे में भूमि अधिग्रहण में हेरफेर कर सीएस के बेटे की कंपनी को 315 करोड़ का फायदा पहुंचाया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएस को तत्काल पद से हटाने और सस्पेंड करने की सिफारिश की है।


बताते चलें कि  1987 बैच के नौकरशाह और मुख्य सचिव नरेश कुमार इसी महीने रिटायर होने वाले हैं।

नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कुमार को विस्तार मिल सकता है। ऐसे में यह नया विवाद उनके एक्सटेंशन पर ब्रेक लगा सकता है। नरेश कुमार पिछले साल 2022 में ही मुख्य सचिव बनाए गए थे।

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई 2022 को नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया था. उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को सौंपी थी।

इस रिपोर्ट में बताया था कि आबकारी मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है।

सीबीआई ने नरेश कुमार की जांच के आधार पर ही केस दर्ज किया था और छापेमारी शुरू की थी।

इस बीच, आम आदमी पार्टी की सरकार ने दावा किया है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे से संबंधित भूमि मुआवजा मामले से संबंधित अनियमितताओं में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार भी शामिल हैं।

इस मामले में डीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो चुकी है।सीबीआई जांच भी चल रही है। अब मुख्य सचिव के खिलाफ भी जांच के लिए सीएम ने शिकायत को आगे भेज दिया है।

आइए जानते हैं कौन है नरेश कुमार—
नरेश कुमार इसी महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
ऐसी अटकलें हैं कि नरेश को सेवा विस्तार मिल सकता है।
कहा जा रहा है कि दिल्ली में AAP सरकार इसके खिलाफ है।

1987 बैच के आईएएस नरेश कुमार एजीएमयूटी के कैडर के अधिकारी हैं। इससे पहले वो अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव थे।


उन्होंने पिछले साल अप्रैल में विजय देव की जगह बतौर दिल्ली मुख्य सचिव ली थी। नरेश कुमार नई दिल्ली नगरपालिका परिषद में चेयरमैन भी रहे हैं।

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