आखिर क्या है हाइपोक्सिया? क्या कोविड-19 के ज्यादातर मरीजों की इसी वजह से जा रही हे जान, पढ़िए रिपोर्ट।

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 35,42,733 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 78,761 नए मामले सामने आए हैं. यह एक दिन में सामने आने वाले आंकड़ों की अभी तक की सबसे बड़ी संख्या है. इस दौरान देश में 948 कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई है. 27,13,933 मरीज ठीक हो चुके हैं और अब तक 63,498 लोगों की जान गई है.कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। बीते 24 घंटे में रेकॉर्ड 83 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आएं हैं। यह एक दिन में दुनिया में सबसे ज्यादा केस का रेकॉर्ड है। इधर, देश में कोविड-19 से होने वाली मौतों भी बढ़ती जा रही हैं। सरकार का ध्यान कोविड-19 के कारण मौतों को कम से कम करना है। इस बीच, देश के प्रमुख अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कोविड -19 के कारण हुई मौतों पर एक अलग ऐंगल से जांच कर रहा है। इसका नाम हाइपोक्सिया है।

हाइपोक्सिया या हैप्पी हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर या शरीर के किसी विशेष हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है। के एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘इससे मरीजों को अपनी स्थिति के बारे में पता ही नहीं चलता और जब तक पता चलता है तो बहुत देर हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अचानक मृत्यु हो जाती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसे बहुत सारे कोविड -19 रोगियों में देखा गया है।’डॉक्टरों के अनुसार ऐसी मौतों के कारणों में हृदय संबंधी घटनाओं या जटिलताओं जैसे Pulmonary Thromboembolism शामिल हैं, जो रक्त के थक्के जमने के कारण फेफड़े के धमनी में अचानक रुकावट पैदा कर देता है।

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