हरियाणा के नूंह में हुए दंगे में घायल हुए बागपत के बर्तन व्यापारी व बजरंग दल के कार्यकर्ता की मौत से जिले में भी पुलिस अलर्ट हो गई। संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त और चौकसी बढ़ा दी गई। उधर, सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। वहीं, बॉर्डर पर हरियाणा आने और जाने वाले वाहनों की भी चेकिंग शुरू करा दी गई है।
वह यात्रा में शामिल हुआ था और वहां बवाल के दौरान घायल होने पर दिल्ली के अस्पताल में उपचार चल रहा था। जहां उसकी मंगलवार रात मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार शाम को बजरंग दल के कार्यकर्ता का शव गांव लाकर अंतिम संस्कार किया गया
पांची गांव निवासी प्रदीप (30) गुरुग्राम के बादशाहपुर में रहकर बर्तनों की दुकान करता था। वह पिछले सात साल से मारुती कुंज के पास बादशाहपुर गांव में अपनी पत्नी और दो भाइयों के साथ रहता था। जबकि उसके अन्य परिजन गांव में ही रहते थे। ग्रामीणों ने बताया कि प्रदीप डेढ़ साल पहले बजरंग दल में शामिल हुआ था, जो बजरंग दल में पिलाना प्रखंड संयोजक पद पर भी रहा।
शव पहुंचने से पहले छावनी बना पांची, बाजार हुआ बंद
हरियाणा के नूंह में हुए दंगे में बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप की मौत होने के बाद बुधवार शाम में शव गांव लाया गया। जिससे पहले पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। जहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस और कई टीमें पीएसी तैनात कर दी गई। उधर, स्थिति को देखते हुए पांची गांव का बाजार भी बंद कर दिया गया।
दंगे से एक दिन पहले गांव से गया था प्रदीप
बजरंग दल कार्यकर्ता प्रदीप अक्सर गांव आता रहता था और यहां कई दिन रहने के बाद वापस जाता था। बताया कि दंगे से एक दिन पहले प्रदीप गुरुग्राम गया और फिर शोभायात्रा में शामिल हो गया। उधर, उसके साथ रहने वाले दो भाई हैप्पी ओर दीपक घटना के वक्त कमरे पर ही थे।
हजारों लोगों ने नम आंखों से दी विदाई
बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप की मौत होने के बाद गांव समेत आसपास के गांवों और बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ता पांची गांव पहुंचे। जहां प्रदीप की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने शामिल होकर नम आंखों से विदाई दी।