एलियंस के सामने हम चींटी की तरह! वैज्ञानिकों ने बताया, क्‍या होगा जब एलियंस…..

दुनिया ने एलियंस के वजूद को स्‍वीकारा नहीं है, तो पूरी तरह से नकारा भी नहीं है। आज भी ऐसे लोग, साइंटिस्‍ट, एक्‍सपर्ट बड़ी संख्‍या में हैं, जो मानते हैं कि इस ब्रह्मांड में पृथ्‍वी के अलावा भी जीवन है। एलियंस हैं, उनका वजूद है और एक दिन दोनों आमने-सामने आ सकते हैं। क्‍या हो, अगर इंसानों को एलियंस की मौजूदगी का सबूत मिल जाए? वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में एलियंस से बात करने की कोशिश करना वैसा ही होगा, जैसे- चीटियां, इंसानों से संवाद करने की कोशिश कर रही हों। वैज्ञानिकों का मानना है कि दोनों के बीच संपर्क की कोशिश का एकमात्र आधार शायद गणित होगा, क्योंकि एलियंस के सामने इंसान बेहद छोटे हो सकते हैं।

मैनचेस्टर में जोडरेल बैंक सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के डायरेक्‍टर, प्रोफेसर माइकल गैरेट ने कहा कि एलियंस के इलाके में कई और चीजें भी हो सकती हैं, जिनकी क्षमता का कोई अंदाजा नहीं है। यह कुछ ऐसा है जैसे चींटियां, इंसानों से संवाद करने की कोशिश कर रही हैं।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में एक खगोल जीवविज्ञानी डॉ लुइसा प्रेस्टन ने कहा कि उन्‍हें यकीन है हम चींटियों की तरह हैं। इंसानों ने अपने सोचने की क्षमता को लेकर अपने अहंकार को बढ़ाया है। अगर हमारे 4.5 अरब वर्षों की तुलना ब्रह्मांड के 13.8 अरब साल से की जाए, तो संभावना है कि हम ‘चींटियां’ हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एलियंस हमसे बहुत आगे हो सकते हैं। ऐसे में उनके साथ संवाद के लिए गणित अहम जरिया बन सकता है। 

एलियंस को लेकर दुनियाभर के देशों में शोध हो रहे हैं। अमेरिका की सरकार भी एलियंस और UFO यानी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्‍जेक्‍ट्स के बारे में जानने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अज्ञात हवाई घटनाओं (UAP) से जुड़ी स्‍टडी में भाग लेने के लिए 16 लोगों का चयन किया है। UAP जिसे अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग फ‍िनॉमिना कहा जाता है, वह UFO का ही रीब्रैंड वर्जन है। रिसर्च के तहत अनक्‍लासिफाइड डेटा का इस्‍तेमाल करके एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे अगले साल सार्वजनिक किया जाएगा।  
 

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