नही पहुचा नलो मे पानी बारिश का पानी को पीने में किया प्रयोग वर्मा परिवार…..

पानी की हर बूंद को सहेजने का हुनर देवलचौड़ सत्यलोक कॉलोनी निवासी वर्मा परिवार से सीखना होगा। आमतौर पर लोग बारिश के पानी का संचय कर उसका इस्तेमाल धुलाई या गार्डन की सिंचाई में करते हैं, मगर ऋतंभरा वर्मा ने कॉलोनी के लास्ट में स्थित घर पर सरकारी लाइन का पानी नहीं पहुंचने पर बारिश के पानी को पीने में प्रयोग करना शुरू कर दिया। इससे पहले पानी को पूरी विज्ञानी तकनीक से साफ किया गया। पेशे से इंजीनियर ऋतंभरा के पति पवन वर्मा ने राजस्थान के बाड़मेर के पास स्थित रावतसर इलाके में जल संकट के हालात की बात पत्नी से साझा की थी। जिसके बाद ऋतंभरा ने बारिश के पानी को पीने योग्य बना दिया।

सत्यलोक कॉलोनी निवासी मैकेनिकल इंजीनियर पवन वर्मा इन दिनों बेंगलूरू में तैनात है। परिवार में पत्नी ऋतंभरा के अलावा बेटा तनिष्क सोनी व वृत्तांत है। सत्यलोक कॉलोनी में किराए पर रहने वाली ऋतंभरा ने बताया कि गली में सबसे अंत में मकान होने पर जलसंस्थान की दो इंची लाइन से पानी नहीं पहुंच पाता था। पहले टैंकर खरीद काम चलाया गया। पवन के मुताबिक रावतसर में पानी का मुख्य स्रोत नहीं होने के कारण लोग घरों के आसपास बड़े-बड़े कुओं का निर्माण कर देते हैं। इसके बाद कुओं में जमा बरसाती पानी का इस्तेमाल साल भर किया जाता है।

जिसके बाद ऋतंभरा ने भी बारिश के पानी का सदुपयोग करने का फैसला लिया। इसके लिए पाइपों के जरिये पहले छत के पानी को नीचे रखे दो बड़े टैंक में स्टोर किया। इसके बाद क्लोरीन डाल कार्बन फिल्टर और पांच माइग्रोन के फिल्टर के जरिये साफ कर इसे आरओ तक पहुंचाया। आरओ में पानी को फिर से साफ कर पीने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। हाल में सत्यलोक कॉलोनी में सीएमटी के नलकूप से सप्लाइ शुरू होने से पानी की दिक्कत दूर हो गई। मगर बारिश के पानी को अब भी साफ कर प्रयोग में लाया जाता है।

आरओ के बचे पानी से सिंचाई 

आरओ में पानी को फिल्टर से साफ करने के दौरान दूसरे पाइप से गंदा पानी बाहर निकलता है। यह पानी भी व्यर्थ न जाए, इसके लिए घर में अतिरिक्त टैंक रख उसमें संचय किया जाता है। इसके बाद पानी का इस्तेमाल पौधों को सींचने में होता है। वहीं, इंजीनियर पवन वर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार बारिश व कम हिमपात की वजह से दिक्कत आ सकती है। इसलिए सभी को जल संरक्षण के प्रयास करने होंगे।

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