जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों की तत्परता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले को लेकर अब सियासत भी गर्मा गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हमले से पहले ही इंटेलिजेंस एजेंसियों ने चेतावनी दे दी थी कि कश्मीर में आतंकी हमला हो सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसी अलर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित कश्मीर दौरा रद्द कर दिया गया था।
खरगे ने सवाल उठाया, “जब सरकार के पास पहले से इंटेलिजेंस इनपुट मौजूद था, तो फिर सुरक्षा व्यवस्था में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई? आखिर पहलगाम में आतंकियों को हमला करने का मौका कैसे मिला?”
कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि देश की जनता को जवाब चाहिए कि यदि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को इनपुट के आधार पर बदला जा सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की जा सकी?
इस पूरे घटनाक्रम ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि सरकार सुरक्षा के नाम पर केवल दिखावा कर रही है, जबकि असल स्थिति चिंताजनक है।
अब देखना होगा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या देश को इस चूक की असली वजह बताई जाएगी या फिर यह भी आरोप-प्रत्यारोप में दब कर रह जाएगा?
पहलगाम में हुआ हमला और उस पर मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया न सिर्फ एक राजनीतिक बहस का हिस्सा है, बल्कि यह देश की सुरक्षा नीतियों की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।