देहरादून : उत्तराखंड में डेंगू का डंक गहराता जा रहा है.डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे में भी हड़कंप मचा हुआ है. लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या में उत्तराखंड में इजाफा हो रहा है.सबसे ज्यादा देहरादून में डेंगू का डंक गहराया है.
आपको बता दें कि अकेले देहरादून में 25 और मरीजो में डेंगू की पुष्टि हुई है. प्रदेश भर में कुल मिलाकर 501 डेंगू के मरीज पाए गए हैं.जिनका इलाज चल रहा है. डेंगू में ज्यादा बुखार आने पर किडनी और लीवर पर असर कर रहा है.
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार अगर डेंगू का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो बीमारी गंभीर और खतरनाक हो जाती है। तीसरी स्टेज में पहुंचने पर व्यक्ति को डेंगू शॉक सिंड्रोम का खतरा होता है। आमतौर पर इस स्टेज में पहुंचने पर डेंगू खतरनाक हो जाता है। इस बीमारी के सामान्य लक्षण के साथ ही मरीज को बेचैनी और तेज बुखार के बावजूद स्किन ठंडी महसूस होती है। मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है।
मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है। इसमें कई बार मल्टी ऑर्गन फेल्योर भी हो जाता है। इसमें सेल्स के अंदर मौजूद फ्लूड बाहर निकल जाता है। पेट के अंदर पानी जमा हो जाता है। फेफड़ों और लिवर पर बुरा असर पड़ता है और ये काम करना बंद कर देते हैं।