उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र दिया है कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे की वजह से संवैधानिक संकट पैदा होना बताया गया है. तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा हैं कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छ महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था,
लेकिन आर्टिकल 151 कहता हैं अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता हैं तों वहां पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं. उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं.

बता दें कि तीरथ सिंह रावत पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हैं और इस दौरान उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दो दफे मुलाकात की है। पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इसी साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था। अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितम्बर तक उनका विधानसभा सदस्य निर्वाचित होना संवैधानिक बाध्यता है।
प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें, गंगोत्री और हल्द्वानी रिक्त हैं जहां उपचुनाव कराया जाना है। चूंकि राज्य में अगले ही साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है और इसमें साल भर से कम समय बचा है, ऐसे में कानून के जानकारों का मानना है कि उपचुनाव कराए जाने का फैसला निर्वाचन आयोग के विवेक पर निर्भर करता है।