UP के मोस्ट वांटेड अपराधी जो पुलिस को दिखा रहे हैं ठेंगा! भारी इनाम होने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर जाने ….

पुलिस की हिरासत में होने के बावजूद भी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में 50,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक के 29 इनामी बदमाश ऐसे हैं, जो एक-दो साल से लेकर लगभग 10 सालों से फरार हैं.

कई बदमाश तो ऐसे हैं, जिनकी पुलिस के पास तस्वीर के अलावा कोई सुराग तक नहीं है. पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स के अलावा 29 इनामी बदमाशों की तलाश है.

3 बदमाशों पर सबसे ज्यादा है इनाम

यूपी पुलिस के मोस्ट मांटेड लिस्ट में 29 ऐसे बदमाश हैं, जिनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. इन बदमाशों की लिस्ट में 3 पर सर्वाधिक 5 लाख रुपये का इनाम वाला वो घोटालेबाज है, जो आम आदमी का पैसा लेकर फरार है.

इन घोटालेबाजों की मास्टरमाइंड एक महिला भी है. उमेश पाल हत्याकांड के पांच लाख के नामी शूटर गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान को छोड़ दें, तो जिन 4 पर 5 लाख का इनाम है, उसमें सबसे पहला नाम दीप्ति बहल का है.

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राघवेंद्र यादव पर ढाई लाख का इनाम

गोरखपुर के रहने वाले राघवेंद्र यादव पर ढाई लाख का इनाम है. सात साल से फरार चल रहे राघवेंद्र यादव गोरखपुर रेंज में आतंक का दूसरा नाम है. 6 जनवरी 2016 को राघवेंद्र ने गोरखपुर में दिनदहाड़े रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर जय हिंद यादव के भाई बलवंत और बेटे कौशल की हत्या की थी.

हत्याकांड के बाद केस में पैरवी नहीं करने की धमकी देकर चला गया. जय हिंद यादव ने केस की पैरवी शुरू की तो 10 अप्रैल 2018 को जय हिंद यादव को उसके बेटे नागेंद्र के साथ कचहरी से लौटते वक्त मौत के घाट उतार दिया. राघवेंद्र यादव गोरखपुर के झंगहा का रहने वाला है. यूपी पुलिस को उसकी तलाश है, लेकिन उसका सुराग तक नहीं लगा पाई है.

7 साल से फरार है राघवेंद्र यादव.
सीबीआई ने घोषित किया है 2 लाख का इनाम

मुख्तार का करीबी रिश्तेदार शार्प शूटर अतीक उर रहमान उर्फ बाबू की यूपी पुलिस को साल 2001 से तलाश है. 22 सालों से अतीक उर रहमान पर सीबीआई ने 2 लाख का इनाम घोषित कर रखा है. कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी अतीक उर रहमान का नाम सामने आया था. लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका.

यूपी पुलिस के पास उसकी दो दशक पुरानी एक तस्वीर है. इसके अलावा पुलिस के पास उसका कोई सुराग नहीं है. कहते हैं मुख्तार अंसारी के इशारे पर एक गोली से जिन लोगों की हत्याएं हुई हैं, उसमें बाबू का ही हाथ था. उसे सिंगल शॉट मर्डर का एक्सपर्ट माना जाता है.

अतीक उर रहमान उर्फ बाबू की यूपी पुलिस को साल 2001 से तलाश.

शहाबुद्दीन है मुख्तार अंसारी का शूटर

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सुधीर उर्फ महाकार सिंह पर है 50 हजार रुपये का इनाम

सुधीर उर्फ महाकार सिंह सहारनपुर का 50000 का इनामी है. हत्या के मामले में फरार चल रहे सुधीर महाकार सिंह की तलाश में यूपी पुलिस बीते 8 सालों से परेशान है. पुलिस की टीमों को शक है कि सुधीर सिंह ने हरियाणा में शरण ले रखी है लेकिन वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा है. मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, देवबंद में अपने किसी भी व्यक्ति के संपर्क में है. जिसकी वजह से उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है

दिनेश कुमार सिंह पर है 1.5 लाख का इनाम

रायबरेली के रहने वाले दिनेश कुमार सिंह 1.5लाख का इनामी है. साल 2017 में आजीवन कारावास की सजा काट रहा दिनेश सिंह पैरोल पर जेल से निकला तब से वापस नहीं आया. बीते 8 सालों से दिनेश कुमार सिंह की तलाश में रायबरेली पुलिस हलकान है लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

बीते 8 सालों से दिनेश कुमार सिंह फरार है

सुमित 30 से अधिक मुकदमे में मोस्ट वांटेड है

इन बदमाशों के अलावा यूपी पुलिस को जिनकी तलाश है उसमें राम चरण बौरा 3 लाख का इनामी बाराबंकी कराने वाला है. 2 लाख का इनामी सुमित हत्या लूट डकैती के 30 से अधिक मुकदमा में वांटेड चल रहा. हरीश 2 लाख का इनामी मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. हरीश पर हत्या लूट के 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. चर्चा है कि हरीश हरियाणा और दिल्ली में अपना बेस बनाकर छिपकर रहा है. गाजीपुर पुलिस का 50,000 का इनामी शिवा बिंद उर्फ शिव शंकर सिंह है.

लखनऊ पुलिस का 50,000 का इनामी आफताब आलम है. कौशांबी पुलिस का 50,000 का इनामी बाहर उर्फ बहारुद्दीन है. आगरा पुलिस का 50,000 का इनामी राम नरेश ठाकुर है. लखनऊ पुलिस का 50,000 का इनामी सलीम उर्फ मुख्तार शेख है. बुलंदशहर का इनामी 50,000 का नाम विनोद कुमार शामिल है.

इन इनामी बदमाशों की तलाश यूपी पुलिस को है. इन 26 इनामी में उमेश पाल हत्याकांड के फरार चल रहे शूटर गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर को भी जोड़ लेंगे तो इसकी संख्या 29 हो जाएगा. यानी यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में 5 लाख से 50,000 तक के 29 इनामी ऐसे हैं, जिनकी तलाश में यूपी पुलिस सालों से खाक छान रही है. लेकिन किसी का कोई सुराग हाथ नहीं लग पा रहा

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