बनारस में भी मोहर्रम के जुलूस पर पथराव से बवाल ! पुलिस की नाकामी बनी बड़ा कारण 12 से ज्यादा लोग…..

दोषीपुरा इलाके में ताजिया जुलूस को लेकर हुए पथराव को लेकर स्थानीय लोग खासे गुस्से में दिखे। उनका आरोप था कि दोषीपुरा इलाके में ताजिया जुलूस को लेकर होने वाले विवाद की गंभीरता के मद्देनजर जैतपुरा थानाध्यक्ष मथुरा राय सहित अन्य ने अतिरिक्त सतर्कता नहीं बरती। संवेदनशील इलाके में समय रहते ठोस कार्ययोजना बनाकर पुलिस मुस्तैदी के साथ एहतियात बरतती तो माहौल बिगाड़ने वाले सफल नहीं हो पाते। पुलिस के अधूरे होमवर्क का ही नतीजा था कि बड़ा बवाल हुआ।

दोषीपुरा इलाके में पथराव के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि यहां पिछले साल भी मुहर्रम के दौरान ताजिया जुलूस को लेकर विवाद हुआ था। इससे पहले वर्ष 2017, 2012 और 2004 में विवाद हो चुका है। ताजिया जुलूस को लेकर तनातनी की स्थिति हर बार रहती थी। पुलिस दोनों पक्ष के लोगों के साथ प्रभावी तरीके से संवाद करते हुए सतर्कता के साथ निगरानी करती तो ऐसी नौबत नहीं आती। इस बार फोर्स तैनात करके यह समझ लिया कि सब कुछ सामान्य तरीके से संपन्न हो जाएगा। लोगों ने कहा कि पुलिस को माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि, उसका एक अच्छा संदेश जाए। पिछले वर्ष करधना में भी मुहर्रम पर बवाल हुआ था। इसमें 12 लोग घायल हुए थे

पुलिस आयुक्त व डीएम ने संभाला मोर्चाः पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन और जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को तेजी से संभाला। घायलों को अस्पताल पहुंचवाया। उपद्रव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

घटना की जांच कराई जा रही है। जिन भी लोगों ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने का काम किया है, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

  • मुथा अशोक जैन, पुलिस आयुक्त।

लोकल इंटेलिजेंस भी फेल
मुहर्रम के दौरान हुए पुराने विवादों के मद्देनजर दोषीपुरा इलाका शहर के संवेदनशील स्थानों में चिह्नित है। इसके बावजूद लोकल इंटेलिजेंस यूनिट भी माहौल को नहीं भांप पाई। दोषीपुरा इलाके में 10 से 15 मिनट तक पथराव हुआ। सवाल उठता है कि आखिरकार इतने पत्थर कहां से आए? पत्थर पहले से इकट्टा करके रखे गए थे तो उसकी भनक लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और जैतपुरा थाने की पुलिस को क्यों नहीं लगी?

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