यूपी में आवारा पशुओं का एक बड़ा मुद्दा बन गया है. चुनाव में भी इस मुद्दे की गंज सुनाई दे रही है. समाजवादी पार्टी ने तो आवारा पशुओं से जान की हानि होने पर मुआवजा देने तक का वादा किया है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक अजब नजारा देखने को मिला. दरअसल, यहां आवारा जानवरों से परेशान ग्रामीणों ने फसलें बर्बाद कर रहे मवेशियों को खदेड़कर एक सरकारी विद्यालय में बंद कर दिया. साथ ही उनको बाहर आने से रोकने के लिए गेट पर लकड़ियां डालकर उसको बंद कर दिया.
उल्लेखनीय है कि पूरे उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशियों के रख-रखाव के लिए अस्थाई गौशालाओं का निर्माण कराया गया था और सभी जिलों के अधिकारियों को सख्त आदेश दिया गया था कि अगर आवारा जानवर बाहर घूमते नजर आए तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
लेकिन कानपुर देहात से सामने आए इस मामले के बाद लगता है कि अधिकारियों पर सरकार के आदेश का कोई फर्क नहीं पड़ा. अधिकारियों की इस लापरवाही का नतीजा ग्रामीणों को भुगता पड़ रहा है. कानपुर देहात के रसूलाबाद गोपालपुर गांव के लोग आवारा पशुओं से इस कदर परेशान हो गए कि उन्होंने जानवरों को सरकारी विद्यालय में ही बंद कर दिया.
आवारा पशुओं ने बर्बाद की गेहूं की फसल ग्रामीणों का कहना है कि यह आवारा जानवर उनकी फसलें बर्बाद कर रहे हैं जो उनके लिए चिंता का विषय है. वहीं, जानवरों के हमले से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. गांव के ही रहने वाले एक शख्स राजकुमार ने बताया, ”बीती रात कुछ आवारा जानवरों ने उनकी गेहूं की फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया. इसलिए गुस्से में उन्होंने इन पशुओं को सरकारी स्कूल में जाकर बंद कर दिया और बाहर से गेट भी लगा दिया.”