- संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगाया है.
- इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त सचिव और पीएम किसान के सीईओ विवेक अग्रवाल को चिट्ठी लिखी है.
- किसान संगठन ने अपनी इस चिट्ठी में एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है.
- इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसान सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
नेशनल डेस्कः संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि सचिव को मंगलवार को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में किसानों ने सरकार के सामने चार सूत्रीय एजेंडा रखा है, जिसमें कहा गया है कि तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं। जरूरी है तो एजेंडे के मुताबिक बातचीत हो। एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी मिले। विद्युत संशोधन विधेयक 2020 वापस लिया जाए। वायु गुणवत्ता अधिनियम 2020 में संशोधन किए जाएं।
इससे पहले किसानों ने सरकार की बात मानते हुए 29 दिसंबर को बातचीत करने का निर्णय लिया था। हालांकि बाद में सरकार की ओर से कहा गया कि बातचीत 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। पांच दौर की वार्ताओं में किसानों और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है। वहीं, सरकार का मानना है कि मुद्दे का जल्द हल निकाल लिया जाएगा।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को विरोध में देश के किसान पिछले 35 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली-हरियाणा का सिंघु बॉर्डर हो या फिर दिल्ली-हरियाणा का ही टिकारी बॉर्डर। इन बॉर्डरों पर हजारों की संख्या में किसान पिछले एक महीने से जमा हैं।