दिल्ली-जयुपर हाइवे पर गुरुग्राम के सेक्टर-31 की सर्विस रोड पर स्थित एक सीएनजी पंप पर काम करने वाले तीन कर्मचारियों की सोमवार तड़के बेरहमी से हत्या कर दी गई। वारदात से पहले बदमाशों ने पंप पर अंधेरा कर दिया था। अज्ञात बदमाशों ने सुनियोजित तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए। घायल पंप ऑपरेटर जान बचाने के लिए भागकर साथ लगते दूसरे पेट्रोल पंप पर पहुंचा। मगर जब तक वहां के कर्मचारी कुछ समझ पाते तब तक उसकी भी मौत हो गई थी। उसके बाद उन कर्मचारियों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। मरने वालों में सीएनजी पंप प्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह, पंप ऑपरेटर भूपेंद्र और फिलर नरेश शामिल हैं।
घटना के बाद मौके पर पुलिस कमिश्नर समेत पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने पंप मालिक प्रशांत गुलाटी की शिकायत पर हत्या की धाराओं में सोमवार को सेक्टर-40 थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
घटना से पहले बंद किए गए सीसीटीवी कैमरे :
पुलिस की जांच में सामने आया कि ट्रिपल मर्डर की घटना को अंजाम देने से पहले बदमाशों ने शातिर तरीके से पंप की सभी एमसीबी को गिरा दिया था, जिससे पूरे पंप पर अंधेरा छा गया था और सभी सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए थे। उसके बाद बदमाशों ने पंप के कमरे में सो रहे मैनेजर पुष्पेंद्र निवासी जिला बांदा उत्तर प्रदेश और फिलर नरेश निवासी अलीगढ़ उत्तर प्रदेश पर दर्जनों वार कर बर्बरता से हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपियों पंप ऑपरेटर भूपेंद्र निवासी जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश पर भी कई वार कर घायल कर दिया। भूपेंद्र जान बचाते हुए भाग कर साथ लगे पेट्रोल पंप पर पहुंचा और मदद की गुहार लगाई। पेट्रोल पंप पर मौजूद कर्मचारी दीपक कुछ समझ पाता, तब तक भूपेंद्र की भी मौत हो गई। पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया।
कमरे में मिले संघर्ष के निशान
जांच अधिकारी ने बताया कि पंप के जिस कमरे में मैनेजर और फिलर सो रहा था पुलिस टीम को वहां बदमाशों के साथ संघर्ष के निशान मिले हैं। मैनेजर ने हत्यारोपियों के साथ कुछ देर काफी संघर्ष किया। जिसके कारण खून के छींटे छत तक मिले और दीवार पर भी छह फुट तक खून के निशान मिले। कमरे के फर्श पर भी काफी जगह खून पड़ा मिला।
रुपयों को नहीं लगाया हाथ
हत्या करने के बाद हत्यारोपियों ने कर्मचारियों के फोन और उनके पर्स को हाथ तक नहीं लगाया। इसके अलावा पंप के दूसरे कमरे में रखे नौ लाख से ज्यादा रुपयों को भी हाथ नहीं लगाया। ऐसे में पुलिस इस घटना को पुरानी रंजिश से भी जोड़कर देख रही है, क्योकि अगर बदमाश लूट की वारदात के लिए आते तो वह रुपये और मोबाइल फोन लूट कर जरूर ले जाते।
दो मिनट में हुई तीनों कर्मचारियों की मौत
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर ने बताया कि तीनों पर तेज धारदार हथियार से काफी ताकत लगाकर वार किए गए हैं। नरेश पर 12 वारकर किए गए हैं। जिसमें छाती, गले और निचले हिस्से पर वार किए गए। इसके अलावा भूपेंद्र पर दस वार और पुष्पेंद्र पर आठ वार गले व छाती पर किए गए। उन्होंने बताया कि तीनों की मौत एक से दो मिनट में ही हो गई थी।
एसीपी (क्राइम) प्रीतपाल सांगवान ने बताया कि अपराध शाखा की कई टीमें हत्यारोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए काम कर रही हैं। हर एंगल से जांच की जा रही है और हर सबूत को जुटाया जा रहा है। जल्द आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार किया जाएगा।