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ट्रैन हादसा: तस्वीर में अपनों को ढूंढ रहे परिजन, 40 घंटे गुजर गए, अबतक नहीं…..

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को तीन रेलगाड़ियों में हुई भीषण टक्कर से अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई है जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल हैं. बचाव और राहत कार्य के बाद रेलवे वे शनिवार रात में ही पटरियों से अधिकांश मलबा हटा दिया है और ट्रैक को जल्द शुरू करने की कोशिश जारी है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से अधिक कर्मचारी लगातार काम पर जुटे हैं. ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें

तेजस्वी यादव ने कहा कि ट्रेन हादसे पर किसी न किसी को तो ज़िम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना के लिए भारत सरकार PM और रेल मंत्री जिम्मेदार हैं. ये लापरवाही का परिणाम है. घटना के लिए किसी न किसी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा, ‘कल रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है. कल रात DM और उनकी पूरी टीम ने एक-एक शव की जांच की. DM द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है.’

रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हादसे पर विस्तार से जानकारी दी. रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया, ‘बालासोर दुर्घटना पर रेलवे बोर्ड ने कहा कि दुर्घटना के समय सभी सिग्नल ग्रीन थे. रेलगाड़ियां अपनी तय स्पीड पर चल रही थीं. कोरोमंडल 128 की स्पीड तथा हावड़ा एक्सप्रेस 126 की स्पीड से चल रही थी, यानि कोई ओवरस्पीड नहीं थी. दुर्घटना केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस की हुई है और वो क्षतिग्रस्त हुई है. ये एलएचबी ट्रेन है जो बहुत ही सेफ ट्रेन है, अगर इस तरह इसके कोचेच टर्टल नहीं होते हैं और लोग ज्यादा चोटिल नहीं होते हैं. लेकिन यहां मामला कुछ और था. यहां ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई जिसकी वजह से बड़ी संख्या में घायल हो गए और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई. यशवंतपुर एक्सप्रेस लगभग निकल ही गई थी कि उसके आखिरी दो डिब्बे भी इस ट्रेन की चपेट में आ गए, जिसकी वजह से कुछ लोग घायल हुए और कुछ की मौत हुई.’

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