उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां अब ज़मीन पर दिखने लगी हैं। जैसे ही राज्य निर्वाचन आयोग ने 28 जून को संशोधित चुनाव कार्यक्रम जारी किया, वैसे ही पूरे राज्य में चुनावी गतिविधियों की रफ्तार तेज़ हो गई। गांवों से लेकर कस्बों तक अब एक बार फिर लोकतंत्र की हलचल महसूस की जा रही है।
नामांकन की प्रक्रिया 2 जुलाई से शुरू हुई है और ये 5 जुलाई तक चलेगी। पहले ही दिन प्रदेश के 12 जिलों में 2,167 लोगों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए — यह संख्या बताती है कि लोग इस बार भी गांव की सरकार बनाने को लेकर कितने उत्साहित हैं।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून से अब तक 50,553 निर्देशन पत्र बिक चुके हैं — यानी जो भी पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, उन्होंने फॉर्म लेने में कोई देरी नहीं की है। हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव की सरगर्मी पूरे जोश पर है।
इस बार कुल 66,418 पदों पर चुनाव होने हैं — जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पद शामिल हैं। पहले दिन दाखिल हुए नामांकन में 264 लोग ग्राम पंचायत सदस्य, 1,337 ग्राम प्रधान, 534 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 42 जिला पंचायत सदस्य बनने की रेस में उतरे हैं।
राजनीतिक दल भी मैदान में उतर चुके हैं और हर गांव, हर पंचायत में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं। आने वाले दिनों में ये हलचल और तेज़ होगी, जब प्रचार अपने चरम पर पहुंचेगा।