रोम यात्रा को लेकर ममता के समर्थन में खुलकर आए ये BJP नेता, जानिए क्या बोले….

विदेश मंत्रालय की ओर से रोम की यात्रा रद्द करने के बाद बीजेपी नेता ने ममता बनर्जी के पक्ष में खुलेआम ट्वीट किया है. रिटायर्ड कर्नल दीप्तांघसू चौधरी विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इटली (रोम) में आयोजित होने वाले वर्ल्ड ‘पीस कॉन्फ्रेंस’ में हिस्सा लेने की केंद्र सरकार की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने पर विरोध जारी है, लेकिन बीजेपी के अंदर से भी इसके विरोध में आवाज उठने लगे हैं. बंगाल में बीजेपी नेता ने ममता को अनुमति नहीं दिए जाने पर सवाल उठाया है.

विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से इटली की यात्रा रद्द करने के बाद बीजेपी नेता ने ममता बनर्जी के पक्ष में खुलेआम ट्वीट किया है. रिटायर्ड कर्नल दीप्तांघसू चौधरी विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.

ममता के पक्ष में ट्वीट करते हुए बीजेपी नेता ने कहा, ‘एक “हिंदू प्रेमी” भारत सरकार रोम में सभी धर्मों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक उदारवादी/उदार हिंदू महिला को शामिल होने की अनुमति कैसे नहीं दे सकती है? क्या यह उन लोगों में से सबसे कम ईर्ष्या, बदला या नैतिकता है जो लगातार लोकतंत्र की कसम खाते हैं और शपथ लेते हैं? क्या यीशु सही नहीं थे? हे प्रभु अज्ञानियों को क्षमा करें.’ इसे भी क्लिक करें — ‘पीस कॉन्फ्रेंस’ में हिस्सा नहीं ले पाएंगी ममता बनर्जी, केंद्र सरकार ने नहीं दी रोम दौरे की इजाजत  

फैसले पर ममता ने जताई गहरी नाराजगी

इससे पहले भारत सरकार की ओर से ममता बनर्जी को रोम दौरे की इजाजत देने से मना कर दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने केंद्र के फैसले को खासी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जर्मन चांसलर को बुलाया गया था. पोप बुलाया गया था, मुस्लिम होने के नाते इमाम को बुलाया गया था और मुझे हिंदू के तौर पर बुलाया गया था. आप ऐसे तो हिंदू धर्म की बात करते हो फिर यहां क्या दिक्कत है? वजह सिर्फ यही है कि ये लोग मुझसे बहुत जलते हैं और जलन की वजह से मुझे नहीं जाने दिया गया.

ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘पीस कॉन्फ्रेंस’ में हिस्सा लेने के लिए मैंने भारत सरकार से दो महीने पहले ही अनुमति मांगी थी. इटली सरकार ने मुझे सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विशेष निमंत्रण भेजा था. लेकिन आज केंद्र सरकार की तरफ से पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि एक मुख्यमंत्री के लिए वहां जाना ठीक नहीं है. WHO ने कोवैक्सीन को मंजूरी दी है.

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