कोरोना वायरस से जंग के बीच नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने देशभर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। इसी बीच वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि देश में अगले साल फरवरी में कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है। वैज्ञानिकों की दावों की माने तो फरवरी 2022 में ओमिक्रॉन वेरिएंट देश में अपने चरम पर होगा और रोजाना डेढ़ लाख से ज्यादा मामले सामने आने की संभावना है।ये अनुमान आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल और आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर ने अपने SUTRA मॉडल के आधार पर लगाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बताया कि “सबसे खराब स्थिति” के दौरान फरवरी में रोजाना संक्रमण के नए मामलों की संख्या 1.5 लाख से 1.8 लाख हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तभी हो सकता है जब ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीनेशन या संक्रमित होने के बाद बने इम्युनिटी से पूरी तरह बच निकलता है। उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी के बाद अगले महीने से ही ओमिक्रॉन के मामले घटने लगेंगे, इसलिए भारत को चिंतित होने की बजाय सावधान होने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तभी हो सकता है जब ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीनेशन या संक्रमित होने के बाद बने इम्युनिटी से पूरी तरह बच निकलता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह अभी तक नहीं सामने आया है कि नया वेरिएंट किस हद तक वैक्सीन या प्राकृतिक रूप से बने इम्युनिटी से बच पाता है। उन्होंने बताया कि अगर ब्रिटेन और अमेरिका में मामलों, संक्रमण से मौत और अस्पताल में भर्ती की दर को देखा जाए तो भारत में फरवरी से ओमिक्रॉन का खतरा कम हो जाएगा। स्टडी के हवाले से यह भी कहा गया है कि इससे भारत को चिंतित होने की बजाय सावधान रहने की जरूरत है। शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि फरवरी के बाद अगले ही महीने ओमिक्रॉन के मामले घट सकते हैं। जो राहत देने वाले होंगे। प्रोफेसर ने जोर देते हुए कहा कि ये महज अनुमान है, भविष्यवाणी नहीं।