ठा संजीव कुमार सिंह का बयान किसानों के रेल रोको आंदोलन का देशभर में रहा ज़बरदस्त असर….

कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों के नेताओं ने किया प्रदर्शन : ठा संजीव कुमार सिंह

यूपी। राष्ट्रीय नेता, इंडियन नेशनल कांग्रेस एआईसीसी पर्यवेक्षक प्रभारी, बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, सदस्य इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स सचिव, कांग्रेस किसान एवं औद्योगिक प्रकोष्ठ, कानूनी सलाहकार सदस्य, चुनाव प्रचार समिति बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और आसाम एवं लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार ठाकुर संजीव कुमार सिंह ने कहा कि देशभर में रेल रोको आंदोलन का 150 जगहों पर असर देखा जा रहा है। जबकि 50 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। किसानों के आंदोलन से सरकार को काफी परेशानी हो रही है। कई जगह किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई है। लखीमपुर खीरी प्रकरण के विरोध में किसानों के रेल रोको आंदोलन का कई जगह असर देखने को मिला। किसानों के आंदोलन के लेकर सभी रेलवे स्टेशन पर भी अलर्ट रहा। जीआरपी ने जंक्शन समेत सभी स्टेशन के प्रवेश द्वार पर बैरिकेड लगा कर निगरानी बढ़ा दी। रेल रोकने के लिए जंक्शन जा रहे किसान एकता संघ से जुड़े किसानों को बीच रास्ते से गिरफ्तार कर थानों में लाया गया। किसान संगठनों के आंदोलन को देखते हुए फोर्स तैनात की गई। किसानों के विरोध को देखते हुए टोलप्लाज़ा, बीएचयू और जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय के समीप फोर्स तैनात की गई। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए थानों के कार्यवाहक थानेदार इंस्पेक्टर क्राइम मय फोर्स के साथ इलाके में घूमकर सुरक्षा व्यवस्था का जाजया लेते रहे। किसान संगठनों के देशव्यापी आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को किसान संगठनों के नेताओं तथा वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले में न्याय और केंद्रीय राज्यमंत्री को बर्खास्त करने सहित दूसरी मांगों के समर्थन में किसानों ने आज रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की है। लखीमपुर खीरी में अपनी जान गंवाने वाले किसानों की अस्थियों के साथ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में कलश यात्राएं निकाली जाएंगी। एसकेएम ने विरोध के तहत देश भर के टोल प्लाजा, कॉरपोरेट मॉल और पेट्रोल स्टेशनों पर और भाजपा नेताओं के आवास के बाहर पक्के मोर्चे बनाए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज देशव्यापी रेल रोको कार्यक्रम का एलान किया है। सुबह 10 से शाम चार बजे के बीच छह घंटे के लिए रेल यातायात बाधित करने का फैसला लिया है। मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान रेल संपत्ति को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण बनाए रखने की सभी संगठनों से अपील की है। उधर, भारतीय रेल के साथ ही पुलिस-प्रशान ने किसानों के आह्वान को देखते हुए तैयारी की है।

श्री सिंह ने बताया कि इस संदर्भ में किसानों का कहना था कि काफी समय से देश का किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने की मांग कर रहा है। लेकिन सरकार है कि किसानों से वार्ता को ही तैयार नहीं है और न ही किसान विरोधी कानूनों को वापस ले रही है। सरकार द्वारा औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लिए ही कृषि कानून बनाया है। लखीपुर खीरी में हुई घटना की जितनी निंदा की जाए कम ही है। किसान किसी से डरने वाले नहीं हैं। हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र इस्तीफा नहीं देते। किसान हार मानने वाले नहीं हैं और जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती किसानों का आंदोलन समाप्त नहीं होगा।

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