अमर जवान ज्योति के आज बुझ जाने पर पूर्व सैनिकों का दर्द…

शुक्रवार यानि 21 जनवरी 2022 को इंडिया गेट के साए में प्रज्जवलित ‘ अमर जवान ज्योति ‘ को आज बुझा दिया जाएगा। अब यह ज्योति नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रज्वलित ज्योति में विलीन कर दी जाएगी। इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति दोनों ही युद्ध स्मारक हैं। इंडिया गेट की स्थापना ब्रिटिश सरकार ने की थी और इस पर उन हिन्दुस्तानी सैनिकों के नाम खुदे हुए हैं जिन्होंने अपनी शहादत दी थी। अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 में पाकिस्तान पर भारत की विजय की यादगार के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कराई थी और उन्होंने ही इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। लेकिन जब से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं,वो अक्सर अपने भाषणों में यह कहते थे कि देश में एक युद्ध स्मारक नहीं है,जबकि वो था। इंडिया गेट और उसके साए में ‘ अमर जवान ज्योति ‘ युद्ध स्मारक ही थे, जहां हर राष्ट्रीय दिवस पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जाकर सलामी देते थे। प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब पहले से ही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक मौजूद था तो नए की जरुरत क्यों आन पड़ी ? थोड़ा विस्तार में जाना पड़ेगा। संसद भवन मौजूद था लेकिन नया संसद भवन बन रहा है। प्रधानमंत्री आवास भी है लेकिन नया बन रहा है। सरकारी कामकाज के लिए दफ्तर मौजूद थे लेकिन नए बन रहे हैं…। क्या वज़ह हो सकती है ? नया शिलालेख, नया नाम ? क्या इंडिया गेट भी ढ़हाया जाएगा ? शायद। सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम इंडिया गेट के इर्दगिर्द ही चल रहा है।

कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… संकल्प लो देशवासियों सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’

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