यूपी सरकार में मंत्री के भतीजे ने रेस्टोरेंट में की तोड़फोड़ कर्मचारियों पर कार चढ़ाने की कोशिश! 2 साथियों सहित गिरफ्तार……

रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और कर्मचारियों पर कार चढ़ाने के आरोपी अमित सक्सेना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अमित वन राज्यमंत्री एवं नगर विधायक डॉ. अरुण कुमार का भतीजा है। शासन तक मामला पहुंचने के बाद मुकदमे में जानलेवा हमले की धारा बढ़ाकर पुलिस ने गुरुवार शाम कार्रवाई की। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। अमित के दो साथियों को हिरासत में लिया गया है।

मामला मंगलवार की रात का है। जनकपुरी में सत्कार रेस्टोरेंट पर वन राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार के भतीजे अमित सक्सेना और उसके साथियों ने जमकर हंगामा किया था। रेस्टोरेंट के स्टाफ से मारपीट के दौरान जानलेवा हमला कर कार चढ़ा दी थी। साथ ही आरोप है कि एक लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी थी। घटना की सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गई थी। बुधवार को मामले में रेस्टोरेंट मालिक नरेश कश्यप के बेटे सुशांत कश्यप की तहरीर पर थाना प्रेमनगर में अमित और उसके साथियों के खिलाफ एकराय होकर हमला करने, धमकी देने और रंगदारी मांगने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

दोपहर से सक्रिय हुई पुलिस मंत्री के भतीजे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। कहा जा रहा है कि इसके बाद शासन ने सख्ती दिखाई और बरेली के उच्च अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। मगर जिन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी, उनमें गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं था। इसके बाद तहरीर के आधार पर मुकदमे में जानलेवा हमले की धारा बढ़ाकर अमित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया। देर रात अमित को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुराने मामले से लिया सबक जून में अमित और उसके साथियों के डेलापीर मंडी गेट पर होमगार्ड के प्लाटून कमांडर ओमेंद्र से मारपीट और अभद्रता की थी। इस मामले में थाना इज्जतनगर में ओमेंद्र ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। मगर मामला मंत्री से जुड़ा होने के चलते पुलिस ने कई दिन तक कार्रवाई नहीं की। जब पुलिस की काफी फजीहत हुई तो उसका शांतिभंग में चालान कर दिया और कुछ ही देर में उसे जमानत मिल गई थी। इस वजह से उसके हौसले बढ़े हुए थे और उसने रेस्टोरेंट पर हंगामा कर दिया। यही वजह है कि पुलिस इस पर बार उस पर कड़ी कार्रवाई कर सबक सिखाने की तैयारी में है।

फेसबुक पर दी सफाई

मामले को लेकर गुरुवार को अमित फेसबुक पर सक्रिय रहा और खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश करता रहा। इन पोस्ट में अमित ने कहा है कि सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी गई। उसकी तो किसी ने बात ही नहीं सुनी।

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