उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना का मुद्दा बना चर्चा,2011 के जातीय गणना के आंकड़े सार्वजानिक नही,मायावती बोली यूपी में भी जातीय जनगणना का इंतजार..

जातीय जनगणना का मुद्दा उत्तर प्रदेश में फिर गरमा रहा है।

विधानमंडल सत्र के दौरान राज्य सरकार ने जहां केंद्र का विषय बताते हुए जातीय जनगणना कराने से इन्कार कर दिया है, वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस इसकी पुरजोर मांग कर रही है।

बिहार में जनवरी 2023 में जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया शुरू हुई। बिहार सरकार ने सर्वे करवाने की जिम्मेदारी वहां के सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी है।

वहां जातीय जनगणना से संबंधित 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पटना हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने संबंधी सभी याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि राज्य सरकार योजनाएं तैयार करने के लिए सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में रखकर गणना करा सकती है।

इससे भविष्य में सरकारी योजना का लाभ देना आसान होगा। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई, पर वह खारिज हो गई।

2011 के जातीय गणना —
साल 2011 में सामाजिक आर्थिक व जातीय जनगणना करवाई तो गई, लेकिन आंकड़े सार्वजानिक नहीं किए गए। इसी तरह साल 2015 में कर्नाटक में जातीय जनगणना करवाई गई, लेकिन आंकड़े सार्वजानिक नहीं किए गए।

केंद्र की अब तक की सरकारें करती रहीं हैं इन्कार
केंद्र की कांग्रेस से लेकर भाजपा तक की सरकारें जातीय जनगणना से परहेज करती रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मसले से जुड़े मामलों में दोहराया कि कानून के हिसाब से जातीय जनगणना नहीं की जा सकती क्योंकि संविधान जनसंख्या को मानता है, जाति या धर्म को नहीं।

आबादी के अनुपात में मिल सकेगी हिस्सेदारी: इंडिया
यूपी में मुख्य विपक्षी दल सपा का कहना है कि देश की 60 फीसदी राष्ट्रीय संपत्ति पर देश के 10 फीसदी समृद्ध सामान्य वर्ग के लोगों का कब्जा है। जातीय जनगणना से सभी वर्गों को उनकी आबादी के अनुपात में नौकरियों व अन्य संसाधनों में हिस्सेदारी मिल सकेगी।

प्रदेश सरकार जातीय जनगणना के लिए तैयार नहीं है। प्रदेश सरकार ने विधानसभा में लिखित उत्तर में कहा कि जातीय जनगणना राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र का विषय है।

भाजपा समेत जो पार्टियां जातीय जनगणना की समर्थक नहीं हैं, उनका मानना है कि ये समाज को बांटने वाला कदम होगा। हालांकि, सार्वजनिक मंचों से कई बार भाजपा के पिछड़े वर्ग का चेहरा माने जाने वाले केशव प्रसाद मौर्य जातीय जनगणना का समर्थन कर चुके हैं।

यूपी में भी जातीय जनगणना का इंतजार-मायावती
वही बसपा सुप्रीमो मायावती भी जातीय जनगणना की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर हैं कि यह प्रक्रिया कब शुरू होगी।

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