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भारतीय संविधान ने हमें धार्मिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार दिया है

मदरसा जामे उल उलूम जामा मस्जिद पटकापुर में राब्ता मदारिस इस्लामिया दारूल उलूम देवबन्द मश्रिक़ी यू0पी0 जोन-1 का इज्लास आयोजित

कानपुर – राब्ता मदारिस इस्लामिया दारूल उलूम देवबन्द मश्रिक़ी यू0पी0 जोन-1 का उमूमी व इनामी इज्लास मदरसा जामे उल उलूम जामा मस्जिद पटकापुर में ज़ोन के अध्यक्ष मुफ्ती इक़बाल अहमद क़ासमी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में आये दारूल उलूम देवबन्द के उस्ताद मौलाना मुहम्मद मुज़म्मिल बदायूंनी ने मुख्य सम्बोधन में मदरसों को मिलने वाली नोटिसों पर कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मदरसों, पाठशालाओं और गुरूकुलों को बिल्कुल अलग किया गया है। भारतीय संविधान ने हमें धार्मिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार दिया है। जहां भी नोटिसें पहुंच रही हैं, वहां के मदरसों के ज़िम्मेदार सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करके ज़िला के शिक्षा अधिकारी के पास इसका लिखित जवाब भेज सकते हैं। मौलाना ने मदरसों के ज़िम्मेदारों को यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र में देश के विकसित कहलाने के लिये ज़रूरी है कि वहां की सम्पूर्ण जनसंख्या साक्षर हो, और हमारे देश के सरकार मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा को शिक्षा मानती ही नहीं, ऐसे में जो बच्चे मदरसों में पढ़ते हैं, उन्हें निरक्षर मानती है जिस कारण से ही आगे परेशानी आती है। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में उदारवाद के नाम पर अधार्मिकता को बढ़ावा देकर आपकी तहज़ीब, संस्कृति और पहचान को मिटाने का दौर चल रहा है, उन्हांने कई उदाहरणों से बताया कि यह उदारवादी वर्ग जिस स्थिति में हमारे समाज और देश को पहुंचाना चाहता है वह जानता है कि अधार्मिकता और पहचान खत्म करने में कोई सबसे बड़ी रूकावट है वह दीनी मदरसे हैं जिनकी वजह से आज भी समाज में कुछ तहज़ीब और संस्कृति बची हुई है। मौलाना ने कहा कि अगर हमारी ईमानदारी और अल्लाह से जुड़ाव में कमी आयेगी तो अल्लाह की मदद भी रूक जायेगी और जब अल्लाह की मदद रूक जायेगी तो परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
ज़ोन के अध्यक्ष मुफ्ती इक़बाल अहमद क़ासमी ने कहा के असल समस्या स्वयं हमें अपनी ज़िम्मेदारियों को अदा करने की है, हम समस्याओं से प्रभावित होकर अपने रास्ते से बिल्कुल ना हटें, समस्याओं का हल तलाश करें। मदरसों का भविष्य बहुत अच्छा है।
उपाध्यक्ष मौलाना इस्लामुल हक़ अस्जद क़ासमी ने मदरसों में तालीम व तर्बियत की गुणवत्ता में बेहतरी लाने की बात कही। उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने कहा कि दीन का पैग़ाम पहुचाने के लिये समसामयिक विषयों के अध्ययन की भी ज़रूरत है। सहायक अध्यक्ष हाफिज़ अब्दुल कुद्दूस हादी ने कहा कि मुसलमानों पर हमेशा हालात आते रहे हैं, अल्लाह के सिवा किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है, अपने मामलात साफ रखने चाहिए। फरूखाबाद के मुफ्ती ज़फर अहमद क़ासमी ने बताया कि हमें मदरसे चलाने का कानूनी अधिकार प्राप्त है, यह हमें संविधान ने दिया है, ऐसे में हमें संविधान की रक्षा की भी चिंता करनी चाहिए। इसके अलावा गोन्डा के मौलाना मुहम्मद इब्राहीम क़ासमी, इटावा के मौलाना मुहम्मद तारिक़ शम्सी, बस्ती के मौलाना अख्तर हुसैन क़ासमी, बहराइच के मौलाना मुहम्मद फारूक़ क़ासमी, सन्त कबीर नगर के मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी, शाहजहांपुर के मौलाना अज़ीमुद्दीन, मुफ्ती मसूद ने अपनी राय रखी। जमीयत स्टडी सेंटर के समन्वयक मौलाना तन्ज़ीम नदवी ने जमीयत ओपेन स्कूल से जुड़ने के तरीक़ा बताया।
संचालन कर रहे ज़ोन के महासचिव मुफ्ती अब्दुर्रशीद क़ासमी ने पिछले इज्लास और संयुक्त परीक्षा की कार्यवाही रिपोर्ट पेश की जिस पर सभी संतुष्ट नज़र आये। उमूमी इज्लास के बाद संयुक्त परीक्षा में अरबी अव्वल में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सनाउल्लाह निवासी सन्त कबीर नगर, अबू हुजै़फा निवासी बहराइच, द्विवतीय स्थान प्राप्त करने वाले मुहम्मद अली निवासी औरैया, अब्दुर्रक़ीब निवासी सन्त कबीर नगर, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मुजीबुर्रहमान निवासी बाराबन्की, चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले उबैदुर्रहमान निवासी सन्त कबीर नगर, अबु ज़ैद निवासी गोन्डा, अब्दुल्लाह निवासी सन्त कबीर नगर, मुहम्मद माज़ निवासी बस्ती और पंचम स्थान प्राप्त करने वाले अबु मुअज्ज़म निवासी सीतापुर, अन्सारूल हक़ निवासी पूर्णिया, अरबी दोम में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले फज़लुर्रहमान निवासी गोंडा, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले मुहम्मद अन्सब कानपुर, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले अब्दुल मन्नान लखीमपुर, चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले उसैद अहमद, पंचम स्थान प्राप्त करने वाले यहया अब्दुल्लाह लखीमपुर, मुहम्मद ज़ैद क़न्नौज के बाद हिफ्ज़ में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मुहम्मद हमज़ा कासगंज, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले मुहम्मद अबूज़र औरैया, अबू हुजै़फा श्रावस्ती, अबू हुजै़फा गोंडा, मुहम्मद तनवीर सीतापुर, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मुहम्मद नियाज़ दरभंगा, मुहम्मद तैयब गोन्डा को मुख्य अतिथि मौलाना मुहम्मद मुज़म्मिल बदायूंनी ने इनाम और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। इज्लास का शुभारम्भ क़ारी उबैदुल हई फुरक़ानी और क़ारी इनामुल हक़ फरीदी ने कुरआन की तिलावत से किया। हाफिज मसूद ने नात पाक का नज़राना अक़ीदत पेश किया। गोंडा से तशरीफ लाये मुफ्ती नेमतुल्लाह क़ासमी की दुआ पर इज्लास सम्पन्न हुआ।

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