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अस्पताल खुला रहा। मरीज तड़पता रहा। डॉक्टर संडे मनाते रहे । आखिर हुई मरीज की मौत…..

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के मिशन-60 के बावजूद जमुई सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा. सदर अस्पताल जमुई से डॉक्टरों की लापरवाही सामने आ रही हैं. डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों की मौत सदर अस्पताल जमुई के लिए आम बात हो गई है. कुछ ऐसा ही रविवार को भी हुआ जब इमरजेंसी में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण एक मरीज की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया.

जानकारी के मुताबिक, रविवार को जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के चंन्द्रवंशी टोला निवासी निवासी मोहन राम के पुत्र संजय राम को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. लेकिन इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी के दौरान चिकित्सक के गायब रहने के कारण इलाज नहीं हो सका. डॉक्टर की गैरमौजूदगी के कारण हुई मौत को देखकर अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी इमरजेंसी वॉर्ड से फरार हो गए.

लगभग आधे घंटे के हंगामे के बाद डॉ. मनीष कुमार इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और संजय राम को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने सदर अस्पताल के व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि चिकित्सक के लापरवाही के कारण इनकी मौत हुई है. यदि सही समय पर इनका इलाज होता तो शायद मौत नहीं होती.

परिजनों ने बताया कि संजय राम की तबियत शनिवार की शाम अचानक बिगड़ गई थी. एक निजी क्लिनिक में इलाज कराया जा रहा था और थोड़ी राहत मिलने पर रविवार को इलाज के लिए जमुई लाया जा रहा था. रास्ते में तबियत फिर बिगड़ गई और बेहोशी की हालत में सदर अस्पताल लाया गया. परिजनों ने घटना की सूचना सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती को दी गई. उन्होंने ड्यूटी से गायब रहे चिकित्सक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

एसीएमओ ने किया डॉक्टर का बचाव
उधर, इस मामले में सदर अस्पताल के एसीएमओ डॉ. रमेश प्रसाद ने डॉक्टर मनीष कुमार का बचाव करते हुए कहा कि मरीज की हालत बहुत ही गंभीर थी और उसे मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था. उन्होंने कहा कि मरीज का इलाज पहले निजी क्लीनिक में कराया जा रहा था जहां से उसे अपने घर ले जाया गया. लेकिन रविवार को तबियत ज्यादा खराब होने पर उसकी घर पर ही मौत हो गई थी.

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