डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर हाईकोर्ट सख्त !1 घंटे के भीतर ही एफ आई आर दर्ज करने का दिया आदेश….

कोर्ट ने टिप्पणी की कि डॉक्टरों पर हो रहे हमले यह बताने के लिए काफी हैं कि नागरिकों में कानून को लेकर डर नहीं है। अगर कानून को लेकर नागरिकों में डर होता तो इस तरह की घटनाएं नहीं होती। इस दौरान कोर्ट ने हेल्थ सिस्टम में सुधार ना होने पर नाराजगी भी जताई

केरल में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों की बढ़ रही घटनाओं पर केरल हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। जस्टिस देवन रामचंद्रन और कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार से सवाल किया है कि राज्य सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है। इसके साथ ही अदालत ने गुरुवार को पुलिस को इस तरह की हिंसा की शिकायत मिलने के एक घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस देवन रामचंद्रन और कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं निश्चित रूप से परेशान करने वाली हैं। कोर्ट ने कहा कि सामने आया है कि राज्य में हर महीने कम से कम 10 से 12 ऐसी घटनाएं सामने आ रही है। इस साल डॉक्टरों पर हमले की अब कर 137 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पीठ ने कहा कि हमारा साफ मामना है कि अस्पताल के किसी भी कर्मचारी सहित डॉक्टर पर हमले की हर घटना को रोकना होगा। साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि ऐसी घटनाओं में जैसे ही संबंधित थाने में सूचना दी जाएगी इसके एक घंटे के भीतर थानाधिकारी द्वारा इसका संज्ञान लिया जाए।

निर्देश राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हमलों से संबंधित एक मामले में राज्य के पुलिस प्रमुख को पक्षकार बनाते हुए कहा कि आपको एक घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करनी होगी। यह किसी विशेष कानून के तहत किया जाए या भारतीय दंड संहिता के तहत, लेकिन तय समय में ऐसा करने की जरूरत है। इस कदम से अपराधियों में भय व्याप्त होगा।

इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि डॉक्टरों पर हो रहे हमले यह बताने के लिए काफी हैं कि नागरिकों में कानून को लेकर डर नहीं है। अगर कानून को लेकर नागरिकों में डर होता तो इस तरह की घटनाएं नहीं होती। इस दौरान कोर्ट ने हेल्थ सिस्टम में सुधान ना होने पर नाराजगी भी जताई। कोर्ट ने कहा कि व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो रहा है, जबकि मरीजों की संख्या आए दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर डॉक्टरों पर हो रहे हमले भी बढ़ते जाएंगे तो तो इसका प्रभाव स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी पड़ेगा।

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