कोरोना होने पर टल गई इस भारतीय मूल के शख्स की फांसी, अब अदालत ने सुनाया अब ये चौंकाने….

सिंगापुर की चांगी जेल में भारतीय मूल के एक विक्षिप्त मलेशियाई युवक को अगले हफ्ते फांसी दी जाएगी। इस युवक को मादक पदार्थ की तस्करी मामले में दोषी ठहराया गया था और सजा के खिलाफ उसकी अंतिम अपील खारिज हो चुकी है। इससे पहले सिंगापुर की एक उच्च अदालत ने एक भारतीय मूल के मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले शख्स की फांसी की सजा पर इसलिए रोक लगा दी थी क्योंकि फांसी से पहले पता चला कि आरोपी कोरोना से संक्रमित है।

सिंगापुरी मीडिया में बृहस्पतिवार को आई एक खबर के मुताबिक, नागेंथ्रन धर्मलिंगम (34) को 2009 में हिरासत में लिया गया था और उसे 2010 में 42.72 ग्राम हेरोइन की तस्करी का दोषी पाया गया था। सिंगापुरी कानून के तहत इस अपराध में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मौत की सजा दी जाती है। मलेशियाई अखबार ‘द स्टार’ ने सिंगापुर में धर्मलिंगम के पूर्व वकील एम रवि के हवाले से बताया, ‘‘अभी यह हृदय विदारक खबर मिली है कि धर्मलिंगम को अगले बुधवार को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।”

सिंगापुर की अदालत ने मादक पदार्थ की तस्करी के लिए दी गई मौत की सजा के खिलाफ धर्मलिंगम की अंतिम अपील 29 मार्च को खारिज कर दी थी। दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ उसकी पहली अपील 2011 में ठुकरा दी गई थी। तब सिंगापुर के उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि धर्मलिंगम को चार मनोवैज्ञानिक और मनोरोग विशेषज्ञों से मिले प्रमाण के आधार पर उम्रकैद की सजा नहीं दी जा सकती। इस मामले ने बीते वर्ष अक्टूबर में तब लोगों का ध्यान खींचा था, जब सिंगापुर कारागार सेवा ने धर्मलिंगम की सजा से संबंधित एक पत्र उसकी मां को भेजा था। सोशल मीडिया पर इस पत्र को साझा किए जाने के बाद उपयोगकर्ताओं ने उसकी मौत की सजा माफ करने की अपील की थी।

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