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सहारनपुर की सब्ज़ी मंडी में पहली बारिश ने खोली नगर प्रशासन की पोल — जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

सहारनपुर शहर की प्रमुख सब्ज़ी मंडी में आज हुई पहली ही मानसूनी बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी। बारिश के कुछ ही देर बाद पूरी मंडी जलमग्न हो गई, जिससे मंडी में व्यापार करने आए सैकड़ों दुकानदारों और ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सहारनपुर की प्रमुख सब्ज़ी मंडी की तस्वीर ने एक बार फिर नगर प्रशासन की तैयारी और दावों की पोल खोल दी है। शहर में पहली ही मानसूनी बारिश के साथ ही मंडी क्षेत्र में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे न सिर्फ व्यापारियों और ग्राहकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, बल्कि सड़कों पर खड़े ट्रकों और वाहनों का संचालन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ।

तस्वीरों में साफ़ देखा जा सकता है कि पूरी मंडी जलमग्न हो चुकी है। दुकानों के सामने पानी भर गया है, और भारी वाहन भी इस जलभराव में फंसे दिखाई दे रहे हैं। खुले आसमान के नीचे खड़ी सब्ज़ियां और माल भीग गया है, जिससे लाखों का नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है।

स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है। “हर साल बरसात में यही हाल होता है। कई बार प्रशासन से शिकायत की, मगर न निकासी की व्यवस्था सुधरी, न सड़कें ऊँची की गईं, हर साल यही हाल होता है। हम नगर निगम से थक चुके हैं। ना नालों की सफाई होती है, ना कोई पक्की जल निकासी व्यवस्था। दो घंटे की बारिश में ही मंडी तालाब बन जाती है।”

मंडी में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि जलभराव के कारण न सिर्फ काम प्रभावित हुआ बल्कि पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। निकासी का रास्ता बंद होने के कारण स्थिति बिगड़ती गई।

एक दुकानदार ने गुस्से में कहा कि जलभराव का मुख्य कारण खराब ड्रेनेज सिस्टम,और समय रहते नालों की सफाई न होना है। मानसून की अभी शुरुआत भर है, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पहली ही बारिश में यह हाल है, तो आगामी दिनों में हालात क्या होगे?

नगर निगम की ओर से अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। केवल आश्वासन मिलता रहा है कि “जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।”

जनता और व्यापारी वर्ग अब प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं —
क्या सहारनपुर की सब्ज़ी मंडी हर साल यूँ ही पानी में डूबी रहेगी?
क्या व्यापारियों और आम जनता को हर बरसात में यह जल यातना झेलनी पड़ेगी?

नगर प्रशासन को चाहिए कि वह इस तस्वीर को एक चेतावनी माने और समय रहते स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए।

अब देखना यह होगा कि नगर प्रशासन इस गंभीर समस्या का कोई स्थायी समाधान निकालता है या यह कहानी हर बरसात में दोहराई जाती रहेगी।

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