पीलीभीत। ठेले पर खरीदारी करते समय सब्जी पर थूक लगाने के मामले में सिपाही की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर 24 घंटे के भीतर निरस्त कर दी गई। अधिकारियों ने जांच के बाद सिपाही के आरोपों को झुठला दिया। अफसरों ने कहा कि सिपाही ने केवल सुनी-सुनाई बात पर एफआईआर दर्ज करा दी थी।
इसी का हवाला देते हुए एफआईआर निरस्त करने कार्रवाई की गई। वहीं सिपाही और रिपोर्ट के लिए तहरीर लिखवाने में मदद करने वाले दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया।
सिपाही अंकित कुमार की ओर से कोतवाली में बुधवार देर शाम पांच लोगों पर विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया था कि उसने शरीफ खां चौराहा पर सब्जी के ठेले पर बिना मास्क लगाए पांच लोगों को पकड़ा था।
सिपाही का यह भी आरोप था कि खरीदारी करते वक्त पांचों युवक सब्जी में थूक लगा रहे थे। इस मामले के सामने आने पर पुलिस विभाग में खलबली मच गई। मामला सोशल मीडिया पर भी तेजी से छा गया। अधिकारियों ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर जांच कराई।
इसके बाद 24 घंटे के भीतर आनन-फानन में दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त कर दिया गया। अब पुलिस अफसरों का कहना है कि मामला जांच में झूठा निकला है। प्रशिक्षु सिपाही अंकित कुमार को सब्जी के ठेले पर बिना मास्क लगाए सटकर खड़े लोग मिले थे। इसमें थूक लगाने वाली बात नहीं थीं।
कार्रवाई कराने के लिए उसने एक दरोगा से मदद ली। इसी में ज्ञान के अभाव में गलत रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। इस मामले में एफआईआर को तथ्यविहीन बताते हुए निरस्त कर दिया गया है। अधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए सिपाही और दरोगा की फटकार भी लगाई। देर शाम एसपी ने सिपाही और दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया।
वही एसपी, अभिषेक दीक्षित का कहना है की सब्जी पर थूक लगाने का प्रकरण संज्ञान में आते ही जांच कराई गई तो मामला गलत निकला। इस पर एफआईआर खत्म कराई गई है। लापरवाही किस स्तर पर बरती गई। इसको लेकर छानबीन चल रही है। संबंधित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।